गंगा एक्सप्रेस-वे का भूमि अधिग्रहण
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कोरोना संक्रमण के काल में भी योगी आदित्यनाथ सरकार विकास के काम को लेकर मिशन मोड में रहती है। प्रदेश में बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने के बीच में ही अब गंगा एक्सप्रेस-वे के काम को लेकर युद्धस्तर पर तैयारी है।
प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को लेकर बेहद गंभीर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर काफी काम पूरा कर लिया है। इसके साथ ही अब गंगा एकसप्रेस-वे पर काम शुरू किया जा रहा है। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि इस प्रोजेक्ट का काम भी मिशन मोड पर करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीडा सहित सभी संबंधित विभागों को मिशन मोड में काम करने का निर्देश दिया है।
गंगा एक्सप्रेस-वे की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब भी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद यह छह लेन गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगा। इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ रहे सभी 12 जनपदों में औद्योगिक क्लस्टर तैयार होंगे। उद्योगों के विकास और निवेश के लिए प्रदेश में बेहद अनुकूल माहौल है।
गंगा एक्सप्रेस-वे एक नजर में
– परियोजना की कुल संभावित लागत 36,410 करोड़ रुपये जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 9,255 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। 22,145 करोड़ रुपये सिविल निर्माण के लिए अनुमानित हैं।
– 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में 8 लेन तक किया जा सकेगा।
एक्सप्रेसवे की डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा एवं यातायात के लिए स्पीड 100 किमी प्रति घंटा होगी।
– एक्सप्रेसवे पर 17 इंटरचेंज प्रस्तावित हैं, जो प्रमुख मार्गों एवं शहरों से जुड़ेंगे।
– 9 यात्री सुविधा केंद्र प्रस्तावित हैं, जो मुख्य मार्ग के दोनों तरफ से जुड़े होंगे।