उत्तर प्रदेशराज्य

घटता जलस्तर छोड़ रहा बर्बादी के निशान…70 हजार बेघर

स्वतंत्रदेश ,लखनऊप्रयागराज में गंगा-यमुना का घटता जलस्तर बर्बादी के निशान छोड़ रहा है। बाढ़ की चपेट में आई करीब पांच लाख की आबादी की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालात यह है कि लोगों के सामने भोजन-पानी का संकट खड़ा होने लगा है। करीब 65 से 70 हजार लोगों के बेघर होने व छह दिनों से पानी में डूबे दो हजार से अधिक घरों में नुकसान की आशंका जताई जा रही है। साथ ही कृषि विभाग के अनुसार दो हजार से अधिक हेक्टेयर में धान की फसल और सब्जियों के नुकसान का अनुमान है।गुरुवार सुबह को गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 84.19 और यमुना का नैनी में 84.08 मीटर रहा। सोमवार से नदियों में पानी कम होना शुरू हुआ है। बुधवार को फाफामऊ में 40 सेमी और नैनी में 21 सेमी जलस्तर कम हुआ है।बाढ़ से शहर के तकरीबन 60 मोहल्ले और जिले के करीब 290 गांव अब भी प्रभावित बताए जा रहे हैं। जिले के 21 राहत शिविरों में करीब 9368 लोग शरण लिए हैं। इसके अलावा कुछ लोग रिश्तेदार तो कुछ किराये पर कमरा लेकर रह रहे हैं।प्रशासन ने 330 नावें और 29 मोटर बोट लगाई हैं। जिले के 133 गांवों-मोहल्लों में 300 नावों और मोटरबोट का संचालन किया जा रहा है। शहर से गांव तक करीब 68 गांवों का संपर्क अब भी कटा है।

बाढ़ में फंसे लोगों के सामने पानी, दूध, एलपीजी की समस्या के साथ ही अब गंदगी और संक्रामक बीमारियां मुसीबत बन रही हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 630 जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है।डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि मकानों की क्षति का आकलन कराया जा रहा हैं। गंगा, यमुना के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। पानी उतरते ही सफाई के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया है। बाढ़ के दौरान शहर से ग्रामीण अंचल में करीब 100 से अधिक सड़कें व पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं।

बाढ़ की भेंट चढ़ीं दो हजार हेक्टेयर से ज्यादा में बोई गईं फसलें
कृषि विभाग के अनुसार गंगा, यमुना की बाढ़ में दो हजार से अधिक हेक्टेयर में बोई गईं धान और सब्जी की फसलों को नुकसान होने का अनुमान है। जब भी बाढ़ आती है तो किसानों की फसलें चौपट हो जाती हैं। इस बार बाढ़ की चपेट में करीब 290 गांव हैं। ऐसे में दो हजार से ज्यादा किसानों द्वारा बोई गईं फसलें बर्बाद होने का अनुमान है। उधर डीएम ने जिले की सभी तहसीलों में किसानों की फसलों की क्षति के आकलन के लिए टीमें गठित कर दी हैं।

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