चीखों से गूंजे लखीमपुर के चार गांव
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:ये कैसी जियारत, ये कैसी इबादत जिसके बदले में मौत मिली। मरने वालों में दस साल का एक मासूम भी शामिल। ये मनहूस खबर सोमवार की सुबह जब खीरी जिले में पहुंची तो यहां के चार गांव में कोहराम मच गया। अंबेडकरनगर के किछौछा दरगाह शरीफ में जियारत करने गए छह लोग असमय ही काल के गाल में समा गए। जिस वाहन से हादसा हुआ उसका ड्राइवर भी मौत की नींद सो गया। पहली बार इस जियारत में शामिल होने गया एक हिंदू परिवार अपनी पत्नी समेत मारा गया। एक साथ खीरी जिले के सिंगाही, तिकुनिया, बेलरायां में कोहराम मच गया। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था कि हादसा इतना भयानक होगा। इन चारों गावों में लोग अभी हादसों में घायल व मरने वालों को आखिरी बार देखन का इंतजार कर रहे हैं।
बहराइच में हुए भीषण हादसे के चश्मदीद इस्तकार के मुताबिक ये हादसा रविवार की रात करीब साढ़े 11 बजे हुआ। तभी से बराबर एंबुलेंस को काल की जाती रही। मौके पर पहुंची बहराइच पयागपुर की पुलिस भी बराबर एंबुलेंस को बुलाती रही लेकिन एंबुलेंस की गाड़ी नहीं आई। इधर हादसे में घायल लोगों का खून बहता रहा। हादसे का शिकार लोग दर्द से कराहते रहे लेकिन उनकी मदद को गाड़ी नहीं आई। थक हारकर पुलिस वालों ने डीसीएम को बुलाया उस पर खून से लथपथ मरीजों को लादा गया और तब वह अस्पताल पहुंचे। इतने में छह लोगों की मौत हो चुकी थी। जब तक एम्बुलेंस आई तब तक घायल जा चुके थे और उनमें से छह की मौत हो चुकी थी चला रहा था उसकी अगले महीने शादी होनी थी। दिसंबर में उसकी शादी थी और घर पर शादी की तैयारी चल रही थी। वह अपनी गाड़ी का मालिक भी था और ड्राइवर भी। घरवालों ने इस वैन के लिए कई बार विनोद से कहा कि वह अपनी वैन पर ड्राइवर रख ले लेकिन वह राजी नहीं हुआ। नतीजा ये हुआ कि भयानक हादस उसको भी निगल गया।