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मरीजों को अब तत्काल मिल सकेगी प्लेटलेट्स

उत्तर प्रदेश के 18 मंडलीय अस्पतालों सहित कुल 20 अस्पतालों में एफेरेसिस मशीन लगेगी। इससे डेंगू, किडनी मरीजों के अलावा अन्य गंभीर मरीजों को तत्काल प्लेटलेट्स मिल सकेगी।अभी तक चिकित्सा संस्थानों और राजकीय मेडिकल कॉलजों में स्थित ब्लड बैंक में रक्तदान होता है। रक्त से ही प्लेटलेट्स, प्लाज्मा आदि अलग करके मरीजों को दिया जाता है। डेंगू सहित अन्य गंभीर बीमारियों के बढ़ने पर कई बार प्लेटलेट्स को लेकर समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सभी मंडलीय चिकित्सालयों में एफेरेसिस मशीन लगाने का फैसला लिया है। लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल सहित 18 मंडलीय अस्पतालों में ये मशीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन लगाएगी।

जबकि लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल और सिविल अस्पताल में राज्य सरकार के बजट से ये मशीन लगाई जाएगी। इस तरह प्रदेश के 20 अस्पतालों में एकसाथ एफेरेसिस मशीन लगाई जाएगी। निदेशक (उपचार) डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि मशीन खरीद की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उम्मीद है कि मार्च तक सभी अस्पतालों में यह मशीन लग जाएगी।

क्या होगा फायदा: लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि एक यूनिट ब्लड से एक यूनिट पैक्ड रेड ब्लड, एक यूनिट प्लाज्मा और एक यूनिट प्लेटलेट्स बनाया जाता है। एफेरेसिस मशीन लगने से सिंगल डोनर प्लेटलेट्स मिल सकेगा। यानी मरीजों को पूरा खून दान नहीं करना पड़ेगा। इस मशीन के जरिए सिर्फ प्लेटलेट्स निकाला जा सकेगा।

खास बात यह है कि इस मशीन से निकलने वाली एक यूनिट प्लेटलेट्स रक्तदान से मिलने वाली प्लेटलेट्स की छह यूनिट के बराबर कारगर होती है। डोनर 72 घंटे में दोबारा प्लेटलेट्स दान कर सकता है और सालभर में 26 बार दे सकता है। जबकि रक्तदान तीन माह में एक बार ही किया जाता है।

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