यूपी सरकार का सख्त फैसला
प्रदेश में बिना फसल बोए और रकबा बढ़ाकर बीमा राशि लेने वाले किसानों से वसूली शुरू कर दी गई है। मथुरा जिले के 22 किसानों से करीब 1.10 लाख रुपये की वसूली होगी। महोबा, चित्रकूट, फतेहपुर सहित कई जिलों में बीमा की रकम वापस कराई गई है। कुछ जिलों में अभी भी जांच चल रही है। इस बीच कृषि विभाग ने इस तरह की घटना रोकने के लिए पुख्ता रणनीति तैयार की है। अब बीमा के दौरान किसान और बटाईदार दोनों के आधार कार्ड लगाए जाएंगे।
प्रदेश में कई जिलों में फसल बीमा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। अमर उजाला ने 17 सितंबर के अंक में कहीं बिना फसल बोए तो कहीं दो-दो बार लिया बीमा का लाभ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर पूरे मामले को उजागर किया। खबर में बताया था कि करीब आठ हजार किसान संदेह के दायरे में हैं। तमाम किसानों ने दो- दो बैंकों से क्लेम ले लिया। खबर छपने के बाद कृषि विभाग ने जिलेवार जांच कराई।
जांच के बाद मथुरा के 22 किसानों से वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन किसानों से राजस्व विभाग वसूली करेगा। साथ ही गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया है। इसी तरह महोबा, चित्रकूट और फतेहपुर सहित करीब 10 जिलों में बीमा राशि स्वीकृत कर दी गई थी, लेकिन किसानों के खाते में नहीं गई थी।
दो- दो बैंकों से क्लेम का आवेदन करने वाले किसान भी एक जगह से बीमा राशि हासिल कर लिए हैं, लेकिन दूसरी जगह से निकासी नहीं कर पाए हैं। ऐसे में उसे निरस्त कर दिया गया है। ऐसे किसानों को चेतावनी दी गई है। दो बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने वालों का एक कार्ड निरस्त कर दिया गया है।