देश के पहले सौर मिशन से जुड़े बीएचयू के वैज्ञानिक
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के सौर मिशन से काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिक जुड़े हैं। वह सितंबर में प्रस्तावित देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग की तैयारी में जुटे हैं।
बीएचयू के भौतिकी विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अलकेंद्र सिंह सौर मिशन के सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप टीम का हिस्सा हैं। चंद्रयान-3 की सफलता से डॉ अलकेंद्र उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अब सौर मिशन की सफलता की राह खुली है। वैज्ञानिक उत्साह के साथ दिन-रात काम कर रहे हैं। इसके सकारात्मक नतीजे सामने आ सकते हैं। आदित्य एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है। इससे संबंधित अंतरिक्ष यान को सूर्य व पृथ्वी प्रणाली के लाग्रेंज बिंदु के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। प्रभामंडल कक्षा में रखा यान आसानी से सूर्य की निगरानी कर सकेगा। वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष में मौसम के प्रभाव को देखने में सहायता करेगा।
मिशन से पहले सहयोग लेता है इसरो
डॉ. अलकेंद्र सिंह ने कहा कि कोई भी मिशन साइंस केस के बिना पूरा नहीं हो सकता है। साइंस केस पर काम किया जा रहा है। जब कोई मिशन लॉन्च होता है, तब इसरो विश्वविद्यालय व अन्य शैक्षिक, तकनीकी व प्रौद्योगिकी संस्थानों से सहयोग लेता है। इसरो की तरफ से साइंस केस स्टडी काम करने का मौका दिया गया है। स्पेस से जुड़े मुद्दे पर काम किया जा रहा है। अलग-अलग समय पर सूर्य की गतिविधियों व पृथ्वी पर प्रभाव का अध्ययन चल रहा है। नई स्पेस पॉलिसी अच्छी है। इससे नई खोज में मदद मिल रही है। पॉलिसी नए समय की जरूरत के अनुसार बनाई गई है। इससे देश में तकनीकी विकास की राह और आसान होगी।