उत्तर प्रदेशराज्य

दुर्घटनाएं रोकने के लिए हर जिले में …..

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के साथ ही प्रवर्तन और उपचार की व्यवस्था को भी बेहतर करने की जरूरत बताई है। इसके लिए सरकार सड़क सुरक्षा का विशेष अभियान चलाने जा रही है, जिसकी शुरुआत सीएम खुद 734 नगर निकायों से संवाद के बाद करेंगे। उन्होंने हर जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और सभी मेडिकल कालेजों में तीस बेड का इमरजेंसी ट्रामा सेंटर बनाने का निर्देश दिया है।सड़क सुरक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लोकभवन में विभिन्न विभागों के साथ बैठक की। जिलों के अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे। योगी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन अमूल्य है। एक व्यक्ति के असामयिक निधन से पूरा परिवार प्रभावित होता है। यह अत्यंत दु:खद है कि प्रति वर्ष बहुत से लोग थोड़ी सी असावधानी के कारण सड़क दुर्घटनाओं में असमय काल-कवलित हो जाते हैं। यह क्षति न हो, इसके लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

सीएम ने कहा कि अभियान के पहले चरण में एक सप्ताह में जोर जागरुकता पर हो। सड़क सुरक्षा के संबंध में जनजागरुकता के कार्यक्रम चलाए जाएं। 

उन्होंने उल्लेख किया कि विभिन्न आकलन के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 33 प्रतिशत दोपहिया वाहन चालकों की होती हैं। 38 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण ओवरस्पीड, नौ प्रतिशत मामले वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने और करीब 6.6 प्रतिशत दुर्घटनाएं नशे में वाहन चलाने के कारण होती हैं। सभी को इसकी गंभीरता को समझना होगा। साथ ही दावा किया कि सतत जागरूकता के कारण वर्ष 2018 के बाद से सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखी जा रही है। यह अच्छे संकेत हैं, लेकिन अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है।इस दिशा में गृह, यातायात, नगर विकास, बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा, स्वास्थ्य, एक्सप्रेसवे प्राधिकरण आदि विभागों को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने निर्देश दिया कि पूर्णत: प्रशिक्षित लोग ही सड़क पर वाहन चलाएं। सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना के प्रयास हों। जिलों में आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनें। वहीं, हर मेडिकल कालेज में कम से कम 30 बेड का इमरजेंसी ट्रामा केयर सेंटर होना जरूरी है। इसे प्राथमिकता पर लिया जाए।

योगी के यह भी निर्देश 

  • उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के सभी विद्यालयों में ‘रोड सेफ्टी क्लबÓ का गठन करने कराएं।
  • किसी भी क्षेत्र में अनफिट और बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन न हो।
  • बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास करें।यातायात नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दिया जाना चाहिए।
  • यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए।
  • वाहन चालान से जुड़े लंबित प्रकरणों के जल्द निस्तारण के लिए लोक अदालतों का माध्यम अपनाया जाए।
  • यातायात विभाग को सशक्त बनाने के लिए पुलिस रेगुलेशन में आवश्यक संशोधन किए जाएं।
  • हर जिले में यातायात विभाग के पास कम से कम एक इंटरसेप्टर जरूर हो।
  • अवैध, डग्गामार, जर्जर और ओवरलोड बसों का संचालन सख्ती के साथ रोका जाए।
  • लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू करें।राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर ब्लैक स्पाट के सुधार, गतिमापन, त्वरित चिकित्सा सुविधा, सीसीटीवी आदि व्यवस्था को और बेहतर करें।

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