उत्तर प्रदेशराज्य

क‍ितना प्रभावी होगा बूस्टर डोज?

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कोरोना और उसके बदले स्वरूप ओमिक्रोन से लडऩे में कोरोनारोधी टीके का बूस्टर डोज 70 से 90 प्रतिशत तक प्रभावी है। कई देशों में लगे बूस्टर डोज के नतीजे देखने के बाद शरीर प्रतिरक्षा विज्ञानियों का कहना है कि हाई रिस्क ग्रुप में बूस्टर डोज लगवाने से काफी राहत मिलेगी, खास तौर पर फ्रंट लाइन वर्कर और बुजुर्गों में। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय केजीएमयू की शरीर प्रतिरक्षा विशेषज्ञ डा. पंक्ति मेहता के मुताबिक कई देशों में शोध के आधार पर हम कह सकते हैं कि बूस्टर डोज बचाव में काफी कारगर होगी।

कई देशों में लगे बूस्टर डोज के नतीजे देखने के बाद शरीर प्रतिरक्षा विज्ञानियों का कहना है कि हाई रिस्क ग्रुप में बूस्टर डोज लगवाने से काफी राहत मिलेगी

फाइजर वैक्सीन की क्रियाशीलता को लेकर किए गए अध्ययन में सामने आया था कि दूसरी डोज लगवाने के दो हफ्ते तक यह संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत कारगर है, लेकिन पांच महीने बाद केवल 70 प्रतिशत तक कारगर रहती है। चीन में बायोटेक की विंग सीनोवैक की स्टडी के अनुसार ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ तीसरी डोज 94 प्रतिशत प्रभावशाली है। कुल 68 लोगों पर हुए अध्ययन में 20 ने सिर्फ दो डोज लिए थे, जबकि 48 ने तीन डोज लिए थे। पहले समूह के सात लोगों में और दूसरे समूह के 45 लोगों में ओमिक्रोन के खिलाफ एंटीबाडी डेवलप हुई।

जिस वैक्सीन के दो डोज लगवा चुके हैं, उन्हें तीसरी डोज में अलग कंपनी का टीका लग सकता है। यानी अगर आपने दो डोज कोवैक्सीन की लगवाई है तो बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड भी लग सकती है। संभावना है कि बूस्टर डोज किसी नई कंपनी की वैक्सीन से लगाई जाए। 

Related Articles

Back to top button