ओमिक्रॉन जैसे कई वैरिएंट आएंगे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:देश में ओमिक्रॉन संकट गहरा रहा है। उत्तर प्रदेश में भी कई संदिग्धों की जांच रिपोर्ट प्रदेश के प्रतिष्ठित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ( KGMU) में जीन सिक्वेंसिंग के लिए भेजी जा चुकी है। कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर लोगों में भय जैसा माहौल है। दैनिक भास्कर ने KGMU के एडवांस रिसर्च सेंटर के प्रभारी डॉ. एके त्रिपाठी से बात की। उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन जैसे नए वैरिएंट आते रहेंगे। ओमिक्रॉन वैरिएंट संक्रामक ज्यादा है लेकिन नुकसान कितना करेगा, ये बताना संभव नहीं है।
नए वैरिएंट से कैसे मुकाबला होगा?
वायरस की प्रकृति ही होती है बदलना और अपने सरवाइवल के लिए वायरस नए वैरिएंट का रुप लेते हैं। वायरस में 4 अहम जीन होते हैं। इनमें S जीन – स्पाइक प्रोटीन, M जीन – मेम्ब्रेन, E जीन – इंवेलोप, N जीन – न्यूक्लिओ कैप्सूल
इन 4 मे से S जीन बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी के सहारे कोई भी वायरस मानव कोशिकाओं पर अटैक करता है। अब यदि इसमें म्युटेशन यानी परिवर्तन होता है तो मुख्यतः इसके 3 परिणाम होते है। इसके डायग्नोस व जांच में फर्क पड़ता है।
ये कितना खतरनाक होगा?
फिलहाल इसके बाबत दक्षिण अफ्रीका से जो सूचना आ रही है। उसके मुताबिक यह संक्रामक ज्यादा है पर इसकी मारक क्षमता को लेकर अभी कोई ठोस जानकारी नही मिली है। यह संभव है कि इसकी संक्रामक क्षमता ज्यादा हो पर खतरनाक कम हो।
वैक्सीन की एफिकेसी कितनी है? वैक्सीन लगाने के बाद कितने सुरक्षित है?
वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षा दे रही है। अब हाइब्रिड इम्युनिटी की बात भी सामने आ रही है। यानी नेचुरल इम्युनिटी के अलावा वैक्सीन से जो इम्युनिटी मिली है, वह शॉर्ट टर्म व लांग टर्म दोनों है। पर यह भी समझना होगा कि कभी भी किसी को सौ फीसदी इम्युनिटी मिलना संभव नही है। यही कारण हैं कि कोविड एप्रोप्रियेट बेहवियर को जरुर फॉलो करना चाहिए।