लखनऊ में 2 हजार की जान पर खतरा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राजधानी लखनऊ में थाना वजीरगंज स्थित रिवर बैंक कालोनी में बुधवार सुबह दो मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इमारत में सो रहे एक युवक की मौत हो गई। यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई हादसे हुए हैं, लेकिन न तो नगर निगम सबक ले रहा है न ही आम लोग। लखनऊ शहर में 183 जगहों पर हादसे हो सकते हैं। इन मकानों में रहने और कारोबार करने वाले करीब 2 हजार लोगों की जिंदगी पर हमेशा मंडराता रहता है।
अमीनाबाद चौराहे पर पुलिस चौकी के ठीक सामने शम्भूनाथ बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। इस बिल्डिंग के निचले हिस्से में दुकानें चल रही हैं। इसमें किताब, घड़ी समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा दुकानें हैं। बिल्डिंग के ठीक नीचे कई ठेले वाले भी अपनी दुकान लगाते हैं। इस भवन की परिधि में हर समय 50 से ज्यादा लोग रहते है, जो कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। ऐसे ही गड़बड़झाला के पास भवन संख्या 133/268 का ऊपरी हिस्सा खंडहर हो गया है। यहां हमेशा यातायात का भारी दबाव रहता है।
इस साल नहीं जारी हुई नोटिस
नगर निगम जर्जर हिस्से को गिराने या दुरुस्त कराने का समय देता है। उसमें रह रहे लोगों को बारिश के दौरान तक बिल्डिंग खाली करने की भी नोटिस जारी की जाती है। लेकिन इस वर्ष नगर निगम नोटिस जारी करना ही भूल गया है।
कहां कितने जर्जर भवन
सबसे ज्यादा जोन एक में जर्जन भवनों को चिह्नित किया गया है। यहां अमीनाबाद, कैसरबाग, नक्खास, लाटूस रोड आदि स्थानों पर कुल 64 भवन ऐसे हैं, जिनको नगर निगम ने जर्जर माना है। जोन दो में 49, तीन में 11, चार में 7 व छह में 52 भवन हैं। यह भवन आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए हैं।