उत्तर प्रदेशराज्य

सरकारी हॉस्पिटल में वैक्सीन हुई एक्सपायर

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अगर जरा सी चूक होती तो स्वास्थ्यकर्मियों को इन्फ्लुएंजा की एक्सपायरी वैक्सीन लग जाती। मामला सीएमओ के अधीन सीएचसी का है।जानकारी के बाद सीएचसी प्रभारी ने मामले में चीफ फार्मासिस्ट से जवाब-तलब किया है। कोरोना की दूसरी लहर में सरकारी अस्पतालों में लाखों रुपये की दवाएं और इंजेक्शन एक्सपायर हो गए।


ड्रग कॉरपोरेशन ने मार्च में सीएमओ के अधीन सीएचसी में इन्फ्लुएंजा वैक्सीन के सात डिब्बे भेजे थे। लेकिन कोविड के दौरान सीएचसी का स्टोर बंद रहा और ओपीडी नहीं चली।

नौ जून को यह वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों को लगाने के लिए दी गई। जब नर्स ने एक्सपायरी जांची तो तीन जून देखकर उसके होश उड़ गए।
सीएचसी प्रभारी डॉ. ज्योति ने बताया कि चीफ फार्मासिस्ट से जवाब-तलब किया गया है। कोरोना के पीक के दौरान इन्फ्लुएंजा वैक्सीन एक्सपायर हुई थी। बाकी कोई अन्य दवाएं एक्स्पायर नहीं हुई हैं।

आरोप है कि ड्रग कॉरपोरेशन के जरिए जो दवाएं अस्पतालों को भेजी गई थीं, उनकी एक्सपायरी तारीख नजदीक थी। सामान्य ओपीडी बंद होने से इनका लाभ नॉन कोविड मरीजों को नहीं मिल पाया।
जबकि इस दौरान जरूरतमंद मरीज एक-एक गोली के लिए निजी मेडिकल स्टोरों के चक्कर लगाते रहे। अस्पताल प्रभारियों ने सभी दवाओं की एक्सपायरी चेक कराकर वापसी के लिए ड्रग कॉरपोरेशन को पत्र भेजा है।
इन्फ्लुएंजा के एक डोज की कीमत 1600 रुपये
इन्फ्लुएंजा वैक्सीन की एक डोज की कीमत बाजार में करीब 1600 रुपये है। एक डिब्बे में करीब सात वॉयल होते हैं। एक वॉयल में सात लोगों को वैक्सीन लग जाती है। अनुमान के मुताबिक, करीब 700 लोगों को लगने वाली वैक्सीन अफसरों की लापरवाही से एक्सपायर हो गई।

 

 

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