तख्तियां लेकर समर्पण करने पहुंचे बस अपहरण कांड के दो आरोपित
करीब एक पखवाड़ा पहले बस हाइजेक कर जिलेभर में हड़कंप मचाने वाले दो आैर बस हाइजेकर सोमवार को अचानक थाने पहुंच गए। उनके हाथाें में तख्तियां लगी थीं, जिनपर लिखा था हमें गिरफ्तार कर लो। आरोपितों के नाम सूरज एवं मनोज हैं। दोनों ही आरोपित दिल्ली के रहने वाले हैं। इससे पूर्व उनके नौ साथियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी ने मिलकर 18 अगस्त को गुरुग्राम से बिहार जा रही बस को आगरा के दक्षिणी बाइपास से हाइजेक कर लिया था। करीब 15 घंटे के हाइ वोल्टेज में के बाद बस को इटावा में एक ढाबे के पास से बरामद कर लिया गया था।
सोमवार को आगरा के थाना मलपुरा में उस समय हड़बड़ी मच गई, जब बस अपहरण कांड के दो आरोपित हाथों में पोस्टर थामे सरेंडर करने पहुंच गए। पुलिस ने तत्काल उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करने की तैयारी में जुट गइर्। 18 अगस्त की रात करीब 10:30 बजे दो कार सवार बदमाशों ने न्यू दक्षिणी बाइपास पर 34 सवारियों से भरी ग्वालियर की कल्पना ट्रेवल्स की बस का अपहरण कर लिया था। चालक ग्वालियर के डबरा निवासी रमेश था। उसके साथ परिचालक मध्य प्रदेश के थाना छत्तरपुर के गांव चन्देला निवासी रामविलास और हेल्पर देवरी कलां ग्वालियर का भोला था तीनों को कार में बन्धक बना लिया। एक बदमाश बस को चलाकर कुबेरपुर पहुंचा। बदमाशों ने खुद को एक फाइनेंस कम्पनी का कर्मचारी बताया और सवारियों की टिकट के 23600 भी ले लिये। इसके बाद चालक, परिचालक और हेल्पर को सुनसान जगह छोड़कर बस को ले गए। बस में 34 सवारियां भी थी। तीनों ने दूसरे दिन मामले की जानकारी थाना मलपुरा में दी। सूचना मिलते ही विभाग में हडकंप मच गया। पुलिस ने इटावा जिले से बस बरामद कर ली।
जांच में मुख्य आरोपित प्रदीप गुप्ता समेत 12 लोग प्रकाश में आ गए थे। पुलिस ने शुक्रवार सुबह नौवें आरोपित नन्दनगरी दिल्ली के हरिविंदर को दिल्ली से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली के नन्दनगरी निवासी मनोज बघेल और सूरज बघेल थाने पहुंच गए। वे हाथों में पोस्टर भी थामे थे। हाथों में लगे पोस्टर लेकर अंदर चलने लगे। उस पर खुद के सरेंडर करने सम्बन्धी लिखा था।