पुलिस लाइन में बनेगी अस्थाई कोर्ट
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :महानगर में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद पुलिस लाइन में बनी अस्थायी एसीपी कोर्ट में बुधवार से कार्यवाही शुरू हो जाएगी। हालांकि पूरी व्यवस्था लागू होने में अभी कुछ समय लगेगा। ट्रेनिंग के बाद एसीपी या उनके स्तर के ऊपर के अधिकारियों के कार्यालय में ही कोर्ट बनेगी, जहां पुलिस अधिकारी अपने मजिस्ट्रेटी अधिकार का प्रयोग करेंगे।
कमिश्नरेट प्रणाली में पुलिस को शांतिभंग की आशंका में चालान का अधिकार मिल जाता है, जबकि पूर्व की व्यवस्था में पुलिस आरोपित को गिरफ्तार करती थी और मजिस्ट्रेट के सामने पेश करती थी। आरोपित को जेल भेजना है या जमानत पर रिहा करना है, यह अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होता था। इसी तरह पाबंद भी पुलिस ही करती थी, लेकिन रिपोर्ट मजिस्ट्रेट के यहां भेजी जाती थी और वहीं से पाबंदी का आदेश जारी होता था।
पुलिस आयुक्त असीम अरुण द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक कानपुर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुए अभी कुछ दिन ही हुए हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों को इन प्रक्रियाओं की विधिक जानकारी नहीं है। अपर पुलिस उपायुक्त बसंत लाल, सहायक पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और चार मुख्य आरक्षियों को ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भेजा गया था। यह छह सदस्यीय टीम ट्रेनिंग लेकर लौट आई है। इसके बाद पुलिस लाइन में 31 मार्च से एसीपी की अस्थायी कोर्ट शुरू हो जाएगी। बुधवार को जो भी आरोपित शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार किए जाएंगे, उन्हें अस्थायी कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। हालांकि पुलिस आयुक्त से लेकर एसीपी स्तर तक के अधिकारी जिन्हें मजिस्ट्रेटी अधिकार मिले हैं, सभी का प्रशिक्षण होगा। इसके बाद उनके कार्यालयों में ही कोर्ट की व्यवस्था की जाएगी।
डीसीपी पूर्वी, क्राइम और ट्रैफिक ने संभाला काम
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अधिकारियों के कार्यभार संभालने का क्रम जारी है। होली के दौरान डीसीपी पूर्वी, क्राइम और ट्रैफिक ने भी कार्यभार संभाल लिया। वहीं अपर पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारियां और बढ़ा दी गईं। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने ज्वाइनिंग के बाद तीन और डीसीपी रैंक के अधिकारियों की जिम्मेदारी का बंटवारा कर दिया है। इससे पहले रवीना त्यागी को डीसीपी दक्षिण और संजीव त्यागी को डीसीपी पश्चिम बनाया गया था।