शराब के बाद बढ़ी पान मसाले की भी लत
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :जिस पान मसाले को आप बड़े चाव से खाते हैं दरअसल वह पान मसाला आपकी सेहत को प्रभावित कर रहा हैं। तंबाकू या उससे संबंधित उत्पादों की वजह से मुंह व गले का कैंसर बढ़ रहा है। सूचना अधिकार के तहत नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीडीआइआर), इंडियन कैंसर मेडिकल रिसर्च (एनसीएमआर) और हॉस्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (एचबीसीआर ) की ओर से 21 मई 2020 को दी गई सूचना के आधार पर कई चौकाने वाले तथ्य सामने आएं हैं।

तंबाकू का सेवन करने से सबसे ज्यादा प्रभाव मुंह और गले पर पड़ता है। वर्ष 2012 से 2014 के बीच के दिए गए आंकड़ों में देश में पुरुषों में तंबाकू से मुंह के कैंसर के 14,519 मामले सामने आए थे, जो कुल संख्या का 43 फीसद है जबकि 11,022 मामले महिलाओं में कैंसर के सामने आए थे जो 16.5 फीसद है। गले के कैंसर के 4,085 मामले रजिस्टर्ड हुए थे।
तीन वर्षों में 62,946 लोग तंबाकू व पान मसाले की वजह से कैंसर से पीड़ित हुए हैं। नोएडा के स्मोकलेस टोबैको एंड वल्र्ड नॉलेज हब (एमएलटी) के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रति वर्ष सात लाख से अधिक लोग चबाने वाली तंबाकू से मौत के शिकार हो रहे हैं। विश्व स्तरीय आंकड़ों में सबसे ज्यादा 91 फीसद गरीब देशों के लोग तंबाकू व उनसे बने उत्पाद का प्रयोग करते हैं।
तंबाकू कैंसर का मुख्य कारण, फिर भी बिक्री पर प्रतिबंध नहीं : राष्ट्रीय पान किसान यूनियन महासचिव छोटेलाल चौरसिया के मुताबिक, पान की खेती को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है जबकि पान मसाले का उत्पादन बढ़ रहा है। कैंसर का कारण होने के बावजूद बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है।
महिलाओं में शराब का भी क्रेज: कोरोना काल के बावजूद वर्ष 2020 में जहां अंग्रेजी शराब की करीब 75:85 लाख बोतल बिकी। वहीं, बियर के करीब डेढ़ करोड़ कैन बिक गए।