PFI की दंगे भड़काने वाली साजिश का मास्टरमाइंड निकला कमाल केपी
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:एसटीएफ ने कमाल केपी को हाथरस कांड के बाद यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रचने का दोषी बताया है। साथ ही सीएए-एनआरसी के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल लोगों के संपर्क में होने और दंगे भड़काने व आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंडिंग का भी दोषी पाया है।एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि कमाल केपी ने पीएफआई सदस्यों के साथ देश में अलग-अलग समुदायों और वर्गों को भड़काकर हिंसक घटनाएं कराने के उद्देश्य से carrd.co वेबसाइट, वेबपेज और जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम पोर्टल बनाया। इसके लिए टूलकिट तैयार कर उसका प्रचार-प्रसार भी किया।

दंगे कराने के लिए सितंबर 2020 के पहले सप्ताह में केरल के मल्लापुरम में एक वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें कमाल केपी, सिद्दीक कप्पन, अंसद बदरुद्दीन, फिरोज खान, नसीरुद्दीन मौजूद थे। इसमें सीएए-एनआरसी को लेकर दंगे भड़काने वालों के खातों में पैसा भेजने पर सहमति बनी। इससे पहले पीएफआई की नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल की 12 मार्च 2018 को मालाबार हाउस में मीटिंग हुई, जिसमें कमाल को 15 हजार रुपये महीना देने का प्रस्ताव पारित किया गया। जांच में हाथरस कांड के बाद जातीय हिंसा भड़काने की साजिश के मुख्य आरोपी सिद्दीक कप्पन और कमाल केपी के बीच व्हाट्सएप चैट के जरिए बातचीत के प्रमाण मिले है। कप्पन ने नौ जनवरी 2020 को कमाल के व्हाट्सएप नंबर पर एक कॉल रिकॉर्डिंग भेजी थी। मलयालम भाषा में भेजी गई रिकॉर्डिंग का अनुवाद करने पर पता चला कि दोनों यूपी में कोई सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और दंगे भड़काने की साजिश रच रहे थे। इसके अलावा सिद्दीक कप्पन ने कमाल को बंगलुरु हिंसा, बाबरी मस्जिद से जुड़ी खबरें भी भेजी थी। कमाल केपी ने सितंबर, 2020 में कप्पन को हाथरस जाने के लिए 20 हजार रुपये भी दिए थे।