आउटर रिंग रोड से जुड़ेंगे कानपुर-रायबरेली समेत सात जिलों के हाईवे
स्वतंत्रदेश ,लखनऊभारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) लखनऊ के आउटर रिंग रोड को जिलों के राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की योजना बना रहा है। इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है और आगामी वित्तीय वर्ष में इसके लिए बजट मिलने की संभावना जताई जा रही है।फिलहाल, आउटर रिंग रोड पर चढ़ते या उतरते वक्त वाहनों को दाहिनी ओर मुड़ना पड़ता है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगता है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।अब NHAI द्वारा आउटर रिंग रोड को सीधे इंटरसेक्शन के जरिए जिलों के राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इससे हल्के और भारी वाहनों को सीधे आउटर रिंग रोड पर प्रवेश करने और निकलने में आसानी होगी। इंटरसेक्शन के जरिए वाहन सीधे अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे, जिससे जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार, यह प्रस्ताव अब स्वीकृत हो चुका है और इसे लागू करने के लिए खाका तैयार किया जाएगा, जिसे दिल्ली मुख्यालय भेजा जाएगा। इसके बाद बजट जारी किया जाएगा।

यह परियोजना 105 किमी. लंबे आउटर रिंग रोड को और अधिक फायदेमंद बनाने के लिए अपनाई जा रही है।बीकेटी और अयोध्या रोड पर वाहनों को दाहिनी ओर मुड़कर आउटर रिंग रोड पर चढ़ने में जो दिक्कत होती है, वह अब दूर हो जाएगी। इंटरसेक्शन बनने के बाद इन मार्गों से गुजरने वाले लाखों लोगों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी।दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक, इस परियोजना में ज्यादा बजट की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन इसके पूरे होने के बाद इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा। आउटर रिंग रोड के आसपास से गुजरने वाले जिलों के राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने के लिए 4 से 8 पिलर का निर्माण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कहीं 1 किमी. तो कहीं 2 से 2.5 किमी. की सड़क बनेगी।इस परियोजना के लागू होने से सेवा मार्ग और दाहिनी ओर मुड़ने के दौरान लगने वाला जाम पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। साथ ही, वाहन चालकों को बिना रुकावट के अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने में सुविधा मिलेगी। इससे कानपुर, रायबरेली, अयोध्या, सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई जैसे जिलों से लखनऊ जाने वाले लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा।