ऑनलाइन गेमिंग में खतरा ही खतरा, जामताड़ा और मेवात के गैंग बना रहे शिकार
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:सोशल मीडिया पर साइबर अपराधियों ने ठगी का जाल फैला रखा है। ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग एप संचालित कर ठगी की जा रही है। गेम में पॉइंट बनाने और इनाम जीतने का झांसा देकर धोखाधड़ी की जा रही है। अधिकृत एप और वेबसाइट पर रकम मिलने की उम्मीद ज्यादा होती है, लेकिन अवैध एप और साइट पर एक बार रकम जाने के बाद वापस मिलना मुश्किल होता है। इसमें खतरा ही खतरा रहता है। बच्चों से लेकर बड़े तक गेम की दुनिया में अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं। क्रिकेट, फुटबाल ही नहीं, लूडो, रेसिंग, फाइट से संबंधित कई गेम ऑनलाइन खेले जा रहे हैं। इन पर रिवार्ड और इनाम की चाहत लुटवा देती है। अधिकृत कंपनी के एप और साइट के विज्ञापन आते हैं। इन पर टैक्स भी लगता है। इनकी आड़ में अवैध तरीके से कई एप विदेशी सर्वर पर संचालित होकर ठगी कर रहे हैं। एक बार खेलने पर रकम दे दी जाती है। जब लत पड़ जाती है तो जीत नहीं होती।
जामताड़ा और मेवात के गैंग
केवल एप ही नहीं लोगों से अलग-अलग तरीके से साइबर अपराधी ठगी कर रहे हैं। झारखंड के जामताड़ा और हरियाणा के मेवात में सक्रिय साइबर ठग लोगों को कभी कॉल करते हैं तो कभी मैसेज भेजकर ठगी का शिकार बनाते हैं। बैंक अधिकारी, पेंशन बाबू, कंपनी अधिकारी, ग्राहक सेवा प्रतिनिधि, बनकर ठगी करते हैं। पुलिस केस दर्ज कर लेती हैं लेकिन अपराधी नहीं पकड़े जाते हैं।
बेटिंग में लगाकर गवां दिए 70 लाख
साइबर सेल ने जब कड़ी से कड़ी जोड़ने की कोशिश की तो ऐसे लोग भी मिले, जिनके खातों से 70 से 80 लाख रुपये जमा कराए गए थे। शुरुआत में इन लोगों को रकम दी गई थी। मगर, बाद में ज्यादा रकम लगाने पर कोई पैसा नहीं मिला। ऑनलाइन एप चलने के दौरान लगने वाली रकम को भी दिखाया जाता था।
साइबर सेल की सलाह
साइबर सेल के प्रभारी सुल्तान सिंह ने बताया कि लोगों को ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग से बचना चाहिए। मोबाइल पर आने वाले लिंक पर क्लिक नहीं करें। अगर, कोई घर बैठे रुपये कमाने का लालच दे रहा है तो समझ जाएं ठगी होने वाली है। इसलिए झांसे में नहीं आए।
6 हजार से अधिक एकाउंट होल्ड और ब्लॉक
18 हजार वर्चुअल पेमेंट एकाउंट ब्लॉक
4.2 करोड़ रुपये खातों में कराए फ्रीज
25 लाख से 27 करोड़ तक का एक एकाउंट में ट्रांजैक्शन
4 से 80 करोड़ रुपये रोजाना खातों में लेनदेन
1600 करोड़ से अधिक एक साल में खातों में आए
इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, सिग्नल एप पर भेजते हैं लिंक
अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के मामले की जांच में खुलासा हुआ कि विदेशी ठग एप और वेबसाइट का लिंक इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, सिग्नल एप पर भेजते थे। डाउनलोड करने पर सब्सक्रिप्शन फीस के रूप में 500 रुपये तक लिए जाते थे।