स्लैब घटा फिर झटका देने की तैयारी में कंपनियां
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियां एक बार फिर बिजली दर के स्लैब घटा विद्युत उपभोक्ताओं को झटका देने की तैयारी में हैं। बिजली कंपनियों ने अगले वित्तीय वर्ष के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) के साथ स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है।
दरअसल, विद्युत नियामक आयोग ने पिछले वर्ष कंपनियों के 80 से 53 स्लैब करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ कंपनियों ने रिव्यू याचिका दाखिल करने के साथ ही अपटेल में मुकदमा कर एक बार फिर एआरआर के साथ स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव दाखिल किया है जिसके लागू होने पर ज्यादातर उपभोक्ताओं का बिजली खर्च बढ़ जाएगा। 53 स्लैब होने से कम बिजली खपत पर भी ज्यादा दर से भुगतान करना होगा।
मसलन, घरेलू बिजली उपभोक्ताओ के अभी चार स्लैब 150 यूनिट तक एक (दर 5.5 रुपये यूनिट), 151 से 300 दूसरा (दर 6 रुपये यूनिट), 301 से 500 तीसरा (दर 6.5 रुपये यूनिट) व 500 से ऊपर (दर 7 रुपये यूनिट) का चौथा स्लैब है वहीं 100 तक एक(दर 5.5 रुपये यूनिट), 101 से 300 का दूसरा (दर 6.5 रुपये यूनिट) व 300 से ऊपर वाला तीसरा (दर 7 रुपये यूनिट) स्लैब प्रस्तावित है। ऐसे में आयोग की मंजूरी पर अभी पांच सौ यूनिट तक जो बिजली 5.50 से 6.50 रुपये यूनिट तक रहती है वह 300 यूनिट के ऊपर ही सात रुपये प्रति यूनिट मिलेगी जिससे दर में इजाफा न होने के बावजूद आपका बिजली खर्चा कहीं अधिक बढ़ जाएगा।
वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को तो और बड़ा झटका देने की तैयारी है। ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं का स्लैब जहां खत्म करने की बात है वहीं एक स्लैब चार किलोवाट तक के लिए और दूसरा उससे ऊपर का प्रस्तावित है। लघु एवं मध्यम उधोग के लिए दो स्लैब, एक 20 किलोवाट और दूसरा उससे ऊपर का। अस्थायी कनेक्शन के लिए मीटर्ड उपभोक्ताओं के अलग स्लैब को खत्म कर संबंधित उपभोक्ता श्रेणी से संबद्ध कर ऐसे कनेक्शन के लिए अतिरिक्त बढ़ोतरी प्रस्तावित है।
उद्योग एवं बल्क लोड में ऊर्जा खपत के अनुसार स्लैब को समाप्त कर वोल्टेज के अनुसार अब स्लैब प्रस्तावित किए गए हैं। हालांकि, बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे यानी लाइफ लाइन उपभोक्ता), बड़े व भारी उद्योग, किसानों के निजी नलकूप, विभागीय कर्मियों के स्लैब में बदलाव न होने से इनका बिजली खर्च यथावत रहेगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कंपनियों के प्रस्ताव का फिर विरोध करते हुए उसे खारिज करने की मांग आयोग से की है।
62 हजार करोड़ की खरीदी जाएगी बिजली : बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल एआरआर व ट्रू-अप आदि के अनुसार प्रदेशवासियों को भरपूर बिजली देने के लिए बिजली कम्पनियां अगले वित्तीय वर्ष में तकरीबन 62020 करोड़ रुपये से 1,20,043 मिलियन यूनिट बिजली खरीदेंगी। कंपनियों ने विद्युत वितरण हानियां 16.64 फीसद रहने का अनुमान लगाया है।