उत्तर प्रदेशराज्य

शोध को मिलेगा बढ़ावा, पढ़ाने की नई तकनीक होगी तैयार

 स्वतंत्रदेश,लखनऊ :सरकार ने सत्र 2020-21 से नई शिक्षा नीति लागू की है। ऐसे में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए बजट में प्राविधान किया गया है। शिक्षकों के मुताबिक, नए सैनिक स्कूल खोलने की बात हो या केंद्रीय विश्वविद्यालय, सभी को जगह दी गई है। खास कर शोध फाउंडेशन के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। पढ़ाने के लिए स्कूलों में एक नई स्वेदशी तकनीक तैयार करने के साथ ही उच्च शिक्षा में सुधार के लिए आयोग बनाने की पहल भी अच्छी है।

बजट में नई शिक्षा नीति को आधार पर बनाकर शिक्षा पर किया फोकस। पढ़ाने के लिए स्कूलों में एक नई स्वेदशी तकनीक तैयार करने के साथ ही उच्च शिक्षा में सुधार के लिए आयोग बनाने की पहल भी अच्छी है।
  • जेएनपीजी कालेज के हेड अर्थशास्त्र विभाग डा. भारती पांडेय कहते हैं कि  बजट में शिक्षा क्षेत्र को भी प्रमुखता दी गई है। उच्च शिक्षा आयोग बनाने, उच्च शिक्षा में निर्धारण, प्रत्यायन, नियमन और बजट पर जोर दिया गया है। रिसर्च फाउंडेशन के लिए 50 हजार करोड़ का प्राविधान भी है, इससे अच्छे शोध को बढ़ावा मिलेगा। देश भर में नए स्कूल खोलने, शिक्षकों को नई तकनीक से पढ़ाने का प्रशिक्षण सहित कई बिंदुओं पर फोकस है।
  • लविवि एमबीए विभागाध्यक्ष संजय मेधावी के मुताबिक, बजट में अन्य क्षेत्रों के अलावा प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन पर भी काफी फोकस है। नए स्कूल खोले जाएंगे। उच्च शिक्षा में आयोग गठित होगा, इससे सभी संस्थानों की मानीटिरिंग एक जगह से हो सकेगी। इस बार प्राइवेट सेक्टर के विश्वविद्यालय एवं कालेजों के शिक्षक भी रिसर्च ग्रांट के लिए अर्ह होंगे। ओवरआल बजट अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला है।
  • केकेवी कालेज प्राचार्य प्रो. राकेश चंद्रा ने बताया किजो महाविद्यालय हैं, उन्हें स्वायत्त महाविद्यालय बनाने पर जोर रहेगा। सम्बद्धता लेने का झंझट भी खत्म हो जाएगा, इससे कालेज स्वयं विकास कर सकेंगे। यूजीसी सहित कई संस्थाओं को मर्ज करके आयोग बनेग, इससे शैक्षिक स्तर पर निर्णय लेने और मानीटरिंग में आसानी होगी। शोध पर भी बजट में फोकस किया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल शैक्षणिक संरचना बनाने का भी प्राविधान है।

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