बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर संवारने के लिए मिलेगी लीज
स्वतंत्रदेश ,लखनऊपीपीपी मॉडल पर बस अड्डे बनाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम को दूसरे विभागों से मिली भूमि की लीज अब 90 साल की होगी। इससे निवेशक पीपीपी मॉडल पर बस अड्डों को विकसित करने में अधिक रूचि दिखाएंगे। पहले और दूसरे चरण में कुल सात बस अड्डों को निगम दूसरे विभागों से मिली भूमि पर संवारेगा।

सरकार ने पहले चरण में 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। इसके लिए विकासकर्ता चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। दूसरे चरण के लिए भी क्रिसिल लि. फर्म का चयन करके फिजिबिलिटी स्टडी कराई जा रही है। परिवहन निगम को पहले और दूसरे चरण के कुल सात बस अड्डों की भूमि यूपीसीडा, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और राजस्व विभाग से लीज पर मिली है। इसमें पहले चरण के पीपीपी मॉडल पर बनने वाले पांच और दूसरे चरण के दो बस स्टेशन शामिल हैं। कैबिनेट की बैठक में कंसेशन अनुबंध में 90 वर्ष का कंसेशन राइट देने का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया। आलमबाग बस अड्डे को वर्ष 2014 में पीपीपी मॉडल पर बनाने के लिए पहले 32 साल की लीज देने और फिर 30 साल का कंसेशन विस्तार देने के उस समय के मंत्री परिषद के अनुमोदन के आधार पर ही 90 साल कंसेशन राइट देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, कनाडा सहित कई देशों के पीपीपी मॉडल को आधार बनाया गया है।