उत्तर प्रदेश

डॉ. कफील खान पर NSA अवैध, तत्काल रिहा करें

गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में दो वर्ष पहले बच्चों की मौत के बाद से चर्चा में आए डॉ. कफील खान अब बेहद सुर्खियों में हैं। अलीगढ़ के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए, एनआरसी व एनपीए के विरोध में उनके ऊपर एनएसए के तहत कार्रवाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवैध करार दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही मथुरा जेल में करीब सात महीने बंद डॉ. कफील खान को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि मंगलवार शाम तक डाक्टर कफील की रिहाई हो सकती है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की रासुका के तहत  निरुद्धि को अवैध करार देते हुए उसे रद कर दिया है। इसके साथ ही निरुद्धि अवधि दो बार बढाये जाने को भी अवैध करार दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और इसके बाद हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है। कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए। अलीगढ़ के डीएम ने नफरत अलीगढ़ में फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर रासुका लगाया था, उसके बाद से ही जेल में बंद हैं। इस कार्रवाई के खिलाफ कफील की मां ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी।

हाई कोर्ट ने कहा है कि डॉ. कफील खान को जिस हेट स्पीच को लेकर रासुका के तहत निरुद्धि की गयी है, उनकी प्रति कोर्ट को उपलब्ध नहीं कराई गई है। स्पीच की डिवाइस की कॉपी नहीं दी गयी। जिससे उसको निरुद्धि के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी को प्रत्यावेदन देने व सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है। दो बार निरुद्धि बढायी गयी है। इस आदेश की प्रति भी नहीं दी गयी। इस बाबत केवल टेलीग्राम से सूचित किया गया है, जबकि कानून के तहत आदेश की प्रति दिया जाना चाहिए था। ऐसा न कर संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन किया गया है। जिसके कारण निरुद्धि विधि विरुद्ध होने के कारण अवैध है

एमयू में दिया था भड़काऊ भाषण

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर डॉ कफील ने एएमयू में भड़काऊ भाषण दिया था। भड़काऊ बयानबाजी करने के लिए जिलाधिकारी अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को डॉ. कफील खान को रासुका में निरुद्ध करने का आदेश दिया। यह अवधि दो बार बढ़ा दी गई। हालांकि कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाना में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। जेल में रहते हुए रासुका तामील कराई गई है। 

Related Articles

Back to top button