उज्जैन के महाकाल से आई भस्म से होगी महाआरती
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उज्जैन में स्थापित सिद्धपीठ महाकाल में होने वाली भस्म आरती राजधानी के राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में भी होगी। इसके लिए वहां से भस्म लाई जाएगी। अगले महीने होने वाली महाआरती को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं।
मंदिर को विशेष तरह की लाइटिंग लगाने का कार्य चल रहा है। संयोजक अतुल मिश्रा ने बताया कि हर सोमवार को भोर में भस्म, आरती और शाम को श्रृंगार उसकी महाकाल मंदिर उज्जैन की तर्ज पर होता है। सदियों पुराने मंदिर का 2007 में जीर्णोद्धार किया गया था। मंदिर में महाकाल के सामने नंदी जी महाराज की स्थापना भी हाल ही में की गई। महाकाल का श्रृंगार में भगवान के सभी स्वरूप को दिखाने का प्रयास किया जाता है। पहली बार पांच दिवसीय पंचकुंडीय महालक्ष्मी व महामृत्युंजय महायज्ञ के साथ ही भस्म आरती होगी।
संयोजक ने बताया कि पंडित राम बिहारी तिवारी व अटल तिवारी के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान से पूजन शुरू होगा। दो, तीन और चार जनवरी को होने वाले आयोजन को लेकर राजधानी ही नहीं आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु आएंगे। चार जनवरी को भोर में चार बजे महाकाल की भस्म आरती होगी। उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद ऐसी आरती और कहीं न होने का दावा भी किया जा रहा है
मान्यता है कि इस मंदिर में सभी सिद्धियों को समाहित करने वाले महाकाल आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। 11 सोमवार बाबा के दर्शन करने से जहां युवतियों को मनचाहा वर मिलता है तो श्रावण के सोमवार को दर्शन करने से सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं। अपनी तरह के अनोखे मंदिर में एक ओर जल संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और संस्कार की पाठशाला भी लगती है।