उत्तर प्रदेशलखनऊ

उमेश दिवेदी विजयी, स्नातक खंड में कांति सिंह आगे

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए देर रात तक चल रही मतगणना में भाजपा प्रत्याशी उमेश कुमार द्विवेदी ने जीत दर्ज कर ली है।  कुल पड़े 17985 मतों में से 17077 वैध मतों की गिनती में उमेश द्विवेदी को 7065 वोट मिले। उन्‍होंने डॉ महेंद्रनाथ राय से 3247 मतों से जीत दर्ज की है। जीत की घोषणा केे बाद उमेश द्विवेदी को मंडलायुक्त रंजन कुमार ने प्रमाण  पत्र द‍िया। निर्दलीय प्रत्याशी डा.महेंद्र नाथ राय को 3818 मत मिले। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी उमाशंकर को 2238 प्रथम वरीयता मत मिले। निर्दलीय प्रत्याशी डा.आरपी मिश्र को 1975, शाह आलम खान को 1269 और सोहन लाल वर्मा को 986 मत मिले थे। इस तरह भाजपा प्रत्याशी को जीत दर्ज करने में सफल रहे। स्नातक निर्वाचन खंड की मतगणना जारी है।  स्नातक निर्वाचन खंड की मतगणना के पहले राउंड की समाप्ति के साथ निर्दलीय कांति सिंह भाजपा के अवनीश कुमार सिंह से 3000 वोटो से आगे हैं। वहीं बूथ संख्या 181 की मतपेटी में गड़बड़ी को लेकर हंगामा हुआ। कान्ती सिंह की ओर से देर रात जिला प्रशासन से लिखित शिकायत भी की गई थी। कांति सिंह भाजपा के अवनीश कुमार सिंह से 1000 प्रथम वरीयता मतो से आगे। तीसरे स्थान पर ब्रज किशोर शुक्ल, जबकि सपा चौथे स्थान पर हैैै।

शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए देर रात तक चल रही मतगणना में भाजपा प्रत्याशी उमेश कुमार द्विवेदी ने जीत दर्ज की। डॉ महेंद्रनाथ राय से 3247 से हुई जीत।

वहीं देर रात तक मतदान पत्रों की गड्डी बनाने का काम पूरा हो गया। इसी के साथ मतगणना शुरू हो गई। पहले राउंड के आये रुझानों के मुताबिक अवैध मतपत्रों और वैध मतपत्रों की संख्या के आधार पर निर्दलीय कांति सिंह और भाजपा के अवनीश कुमार के बीच काटे की टक्कर नजर आ रही है। 14 टेबल पर 25-25 मतपत्रों की बनी गड्डियों को एक साथ खोला जा रहा है।

गुरुवार को लखनऊ में सत्ताधारी दल पर मनमाने एजेंट बनवाने और पेटी सील करने में धांधली का आरोप लगाकर प्रत्याशियों ने जमकर हंगामा किया था। मंडलायुक्त रंजन कुमार और डीएम अभिषेक प्रकाश ने किसी तरह मामले को शांत कराया और मतगणना स्थल से अनाधिकृत लोगों को बाहर किया।

इसके बाद देर शाम को कांति सिंह समेत कई प्रत्याशी धरने पर बैठ गए। उनका आरोप था कि सत्ताधारी दल के दबाव में चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश की जा है। इनका आरोप था कि 24 प्रत्याशियों में 23 को हराने के षड़यंत्र चल रहा है और अधिकारी सुन नहीं रहे है। सत्ताधारी दल के दबाव में काम हो रहा है।

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