उत्तर प्रदेशराज्य

कोरोना काल में बने सैकड़ों राशन कार्ड क‍िए जाएंगे निरस्त

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :कोरोना काल की आपदा में अवसर तलाशने वालों की भी कमी नहीं थी। सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों को प्रत्येक यूनिट पर और अधिक राशन देेने की घोषणा की तो कई अपात्रों ने भी खुद को गरीब दिखाकर कार्ड बनवा लिए। अब प्रशासन की जांच में ऐसे लोगों के कार्ड निरस्त कर राशन वसूली की तैयारी है।

 

           सरकार ने प्रत्येक यूनिट को पांच किलो चावल भी अलग से देने की घोषणा की थी। 

मार्च मेंं लॉक डाउन लागू होने के बाद सरकार ने जरूरतमंदों को राशन म‍ि‍ल सके इसके खातिर उन लोगों के भी कार्ड बनाने को कहा था जिनके नहीं बन पाए थे। सरकार की मंशा थी कि ऐसे पात्र लोग कहीं राशन से कार्ड की वजह से वंचित नहीं रह जाएं। सरकार ने प्रत्येक यूनिट को पांच किलो चावल भी अलग से देने की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा का सैकड़ों लोगों ने गलत तरीके से इस्तेमाल किया और कर्मचारियों की मिलीभगत से राशन कार्ड बनवा लिए।

म‍िली थी कई श‍िकायतें

तमाम शिकायतों के बाद अब प्रशासन ऐसे कार्डों की जांच करा रहा है, जो सक्षम होते हुए भी सरकार की योजना का लाभ उठा रहे हैं। जिन लोगों की आय सालान तीन से चार लाख शहर में और गांव में दो लाख है या फिर पक्का मकान है तो उनका कार्ड निरस्त माना जाएगा। डीएसओ सुनील सिंह के मुताबिक किसी भी अपात्र को राशन नहीं दिया जाएगा। केवल जरूरतमंदों को ही सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा। सर्वे में जो भी राशन कार्ड इस तरह के पाए जा रहे हैं सबको निरस्त किया जाएगा।

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