प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया एक रुपये का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को अवमानना के जुर्म में 1 रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। भूषण को 15 सितंबर तक जुर्माना अदा करना था। जुर्माना अदा न करने पर भूषण को तीन साल तक वकालत पर रोक और तीन महीने तक की साधारण जेल होती। वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ ने प्रशांत भूषण के हवाले से जानकारी दी है कि सजा सुनाए जाने के बाद उनके वकील राजीव धवन ने तुरंत एक रुपये जुर्माना कोर्ट को अदा की। भूषण शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं।
जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने उनको यह सजा सुनाई। न्यायपालिका के खिलाफ दो आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को दोषी ठहराया था। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जजों को प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करनी चाहिए। जनवरी 2018 में जजों ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी वह सही नहीं थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रशांत भूषण ने अपना लिखित जवाब कोर्ट में दाखिल करने से पहले प्रेस को दिया। फैसला सुनाते वक्त पीठ में शामिल दो अन्य जज जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान करने की जरूरत है।
एक और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित
प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को अवमानना माना
पहला ट्वीट: 27 जून- जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।
दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की आलोचना करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।
भूषण को पहले भी अवमानना का नोटिस दिया गया था
प्रशांत भूषण को नवंबर 2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया था। तब उन्होंने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर टिप्पणी की थी।