लखनऊ में फिर बढ़ा प्रदूषण
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेतावनी के बाद भी बिल्डरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। शहर के कई बिल्डरों कि यहां प्रदूषण फैलाने वाले काफी ज्यादा तत्व मिले हैं। बोर्ड ने छह बिल्डरों को नोटिस जारी करते हुए LDA को पत्र लिखा है। बोर्ड ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
अंबे इंफ्रा हाईटेक पर बोर्ड ने 7,812 रुपए प्रतिदिन की दर से जुर्माना भी लगाया गया है। 23,437 रुपए क्षतिपूर्ति जमा करने के लिए जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिशिता डेवलपर व उसके निदेशक के खिलाफ CBI कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर दिया है|
संस्था ने इस नोटिस को भी गंभीरता से नहीं लिया, कोर्ट पहुंचा मामला
CBI कोर्ट में दाखिल मुकदमा में मेसर्स रिशिता डेवलपर व उसके निदेशक सुधीर कुमार अग्रवाल को वादी बनाया है। डेवलपर की सुल्तानपुर रोड स्थित सरसांवा गांव में साइट चल रही है। यहां अपार्टमेंट बनाया जा रहा है। बिल्डिंग निर्माण में प्रदूषण रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। बोर्ड ने तीन बार नोटिस जारी कर व्यवस्था दुरुस्त करने की चेतावनी दी थी। बीते 11 नवम्बर को बोर्ड के अभियंताओं ने निरीक्षण किया तो कोई उपाय नहीं किए गए थे। इसपर 13 नवम्बर को कारण बताओ नोटिस जारी की गई।
LDA को लिखा गया पत्र
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मैसर्स एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड विभूति खंड गोमती नगर‚ मैसर्स ओमेक्स इंटीग्रेटेड टाउनशिप‚ मैसर्स हलवासिया डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड‚ मैसर्स रिसिता मैनहैटन‚ सरसांवा सुल्तानपुर रोड तथा अंबे इंफ्रा हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड विभूति खंड गोमती नगर को नोटिस जारी किया है।