जीत के करीब पहुंचे जो बाइडन
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो चुके हैं और अब वोटों की गिनती चल रही है। वोटों की गिनती में फिलहाल डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन, रिपब्लिकन के उम्मीदवार और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आगे चल रहे हैं। बाइडन जीत के काफी करीब पहुंच गए हैं और उनके प्रतिद्वंद्वी ट्रंप के बीच मुकाबला सीधा होता दिख रहा है। यहां यह जानना भी जरूरी है कि इस बार चुनाव में बाइडन ने अमेरिका के इतिहास में अब तक सबसे अधिक वोट पाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी जो बाइडन अमेरिका की राजनीति में सक्रिय रहे हैं, लेकिन इस बार उनके लिए मौका बड़ा है। तो ऐसे में उनसे जुड़ी कई अहम बातें जानना बेहद जरूरी है।
जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। इनका जन्म साल 1942 में पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। बाइडन ने डेलावेयर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद सिरैक्यूजयूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वह 1970 में न्यू कैसल काउंटी से पार्षद चुने गए। वे ओबामा के कार्यकाल, 2008 से लेकर 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति रहे। अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो वह 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे।
बचपन में हकलाते थे बाइडन, तो उड़ाया जाता था मजाक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडन बचपन में हकलाते थे, जिससे उनका लोग काफी मजाक उड़ाया करते थे। उन्हें ‘डैश’ नाम से पुकारा करते थे। राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान बाइडन ने एक बार कहा था कि वह हकलाने वाले बच्चों की काउंसिलिंग करते हैं।
सांस चल रही थी, लेकिन हो गया था अंतिम संस्कार का बंदोबस्त
बताया जाता है कि साल 1988 में बाइडन की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके अंतिम संस्कार के लिए पादरी तक को बुला लिया गया था। आपको बता दें कि बाइडन हफ्ते में पांच दिन वर्कआउट करते हैं। उनके डॉक्टर के मुताबिक, बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने को फिट हैं। हालांकि, वह पहले इंट्राक्रैनियल हैमरेज से जूझ चुके हैं। वहीं, बाइडन भी शराब या सिगरेट का भी सेवन नहीं करते हैं।
भारत को लेकर रुख
बता दें कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा, इसको लेकर अब ज्यादा संशय नहीं है, लेकिन अभी भी कुछ साफ नहीं हुआ है। हालांकि, बाइडन काफी आगे हैं। तो ऐसे में उनके भारत को लेकर रुख पर भी नजर डालनी चाहिए। भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भारत के सामने मौजूद खतरों से निपटने में उसके साथ खड़े रहेंगे।