लखनऊ के सरकारी दफ्तर में गजब हाल
स्वतंत्रदेश ,लखनऊजवाहर भवन स्थित महिला कल्याण निदेशालय में उप निदेशक स्तर के कई अधिकारियों के पास अपने कार्यालय कक्ष तक नहीं हैँ। यह हालत तब है जब निदेशालय में उसी तल पर कई कमरों में ताला जड़ा हुआ है। यह कमरे राज्य कर और ग्राम्य विकास विभागों को आंवटित हैं। आवंटन के बाद भी दूसरे विभागों के जिम्मेदार अपने कमरे ही नहीं खोलते हैं।दरअसल पहले महिला कल्याण विभाग का दायरा सीमित था। उसके पास योजनाएं भी कम थीं। अब लगातार महिला कल्याण से जुड़ी योजनाएं बढ़ रही हैं। इस कारण अधिकारियों की संख्या भी बढ़ी हैं। यहां अधिकारियों की संख्या अधिक होने के कारण उनके लिए आफिस के कमरे कम पड़ गए हैं।’

इनको एक ही छोटे से कक्ष में दूसरे अधिकारियों के साथ अपना कार्यालय साझा करना पड़ रहा है। इसका असर उनके कामकाज पर भी पड़ रहा है। एक समय में दोनों अधिकारियों के पास शासन से फोन आने पर एक को बाहर तक जाना पड़ता है।निदेशालय में उपनिदेशक पुनीत कुमार मिश्र और ओंकार नाथ यादव को एक ही कक्ष साझा करना पड़ रहा है। इसी तरह उपनिदेशक आशुतोष कुमार सिंह और अनु सिंह को भी एक ही कक्ष आवंटित किया गया है। उपनिदेशक बीएस निरंजन और राम नारायण, जिला परिवीक्षा अधिकारी शैलेन्द्र यादव और कंप्यूटर सेलको भी एक ही कक्ष साझा करना पड़ रहा है।जिन कमरों में अक्सर ताला लटका रहता है उसमें वीपीआइपी पुलिस कंट्रोल रूम को जो कक्ष आवंटित किया गया है, उसमें ताला लगा रहता है। राज्य कर अधिकारी कहकशां और अभिनव श्रीवास्तव को आवंटित कक्ष, मनोजरंन कर आयुक्त के निरीक्षण कार्यालय, राज्य कर अधिकारी शशि प्रभा चौधरी, प्रियंका सिंह यादव, सहायक आयुक्त रोहित रावत व रोहित पांडेय को आवंटित कक्ष भी बंद रहते हैं।