आउटसोर्सिंग पर काम करने वाली महिला कर्मियों को योगी सरकार का तोहफा
स्वतंत्रदेश ,लखनऊआउटसोर्सिंग पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को भी अब मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाएगी। योगी सरकार आउटसोर्सिंग कर्मियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निगम का गठन करने जा रही है। यही नहीं कर्मचारियों के बीमार होने पर उन्हें सवेतन अवकाश की सुविधा भी दी जाएगी। यही नहीं, राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अस्पतालों में कर्मचारियों व उनके परिवार को उपचार की सुविधा भी दिलाई जाएगी। विभिन्न कंपनियों के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर विभिन्न विभागों में रखे जा रहे कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति मिलेगी।

महिला कर्मचारियों को दो बच्चे पैदा होने पर छह महीने यानी 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। अवकाश के दौरान मानदेय नहीं काटा जाएगा। यही नहीं बीमार होने की स्थिति में कर्मचारियों को 91 दिनों तक 70 प्रतिशत मानदेय के साथ छुट्टी दी जाएगी।असाध्य रोग होने पर 309 दिनों तक 80 प्रतिशत तक मानदेय के साथ अवकाश की सुविधा मिलेगी। गर्भपात होने पर 42 दिनों का अवकाश दिया जाएगा। राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अस्पतालों व जांच केंद्रों पर कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों को मुफ्त इलाज की सुविधा दिलाई जाएगी।यही नहीं कार्मिकों की सेवा के दौरान मौत होने पर अंतिम संस्कार के लिए 15 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। सभी विभागों से इस पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। अच्छे सुझावों को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा से संबंधित शर्तों में जोड़ा जाएगा।योगी सरकार ने राज्य कर्मियों को एक अप्रैल से मानव संपदा पोर्टल पर अपनी पूरी जानकारी अनिवार्य रूप से भरने के निर्देश दिए हैं। इसमें सर्विस बुक, वार्षिक संपत्ति विवरण, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट, वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन, वेतन आहरण, कार्य मुक्ति एवं कार्य ग्रहण करने जैसे काम प्रमुख हैं। अवकाश के लिए भी ऑनलाइन पोर्टल पर ही आवेदन करना होगा।इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी विभागों को आदेश दिए गए हैं। कहा गया है कि इस वर्ष 17 जनवरी को जारी शासनादेश के अनुसार मानव संपदा पोर्टल पर सभी को अनिवार्य रूप से अपना विवरण आनलाइन भरना था, इसके बावजूद इसका पालन अनिवार्य रूप से नहीं किया जा रहा है। ऐसे में एक अप्रैल से मानव संपदा पोर्टल पर सभी कुछ भरना अनिवार्य किया गया है। मेरिट आधारित आनलाइन तबादले के संबंध में भी समय पर स्थानांतरण नीति के अनुसार कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।