लखनऊ में चल रहा खेल, मच्छरों की भरमार
स्वतंत्रदेश, लखनऊ :शहर में एंटीलार्वा-फॉगिंग के नाम पर खेल चल रहा है। कई मोहल्लों में जहां मच्छररोधी कार्रवाई नहीं हुई। जहां हुई है, वहां मरीज के घर के आस-पास ही छिड़काव कर पल्ला झाड़ लिया गया। साथ ही फॉगिंग भी नहीं की गई। ऐसे में मच्छरों की भरमार से लोग त्रस्त हैं। उनमें डेंगू-मलेरिया का खौफ बना हुआ है।
राजधानी में 110 वार्ड हैं। वहीं चार जोन में बांटकर मच्छररोगी कार्रवाई तय की गई। इनमें 200 मोहल्लों की मैपिंग की गई, जहां पर सबसे अधिक केस पाए जाते हैं। मगर, शुरुआत में 70 टीमों का दावा कर सिर्फ 35 से छिड़काव चलता रहा। लिहाजा, सुस्त मच्छररोधी कार्रवाई से शहर में अब प्रकोप बढ़ गया। डेंगू फैलने पर टीमों की संख्या बढ़ा दी गई। मगर, पूरे शहर में समयगत छिड़काव कर पाना चुनौती बना हुआ है। ऐसे में मोहल्लों में अधूरा छिड़काव कर टीम गायब हो रही हैं। ऐसा ही हाल फॉगिंग का भी है। फैजुल्लागंज, त्रिवेणीनगर में कई डेंगू के केस पाए गए। यहां मच्छररोधी कार्रवाई का भी दावा किया किया गया। मगर, कई इलाके छोड़ दिए गए। लिहाजा, अधूरे इलाके में छिड़काव से लोगों में आक्रोश है।
क्या कहते हैं बाशिंदे
-फैजुल्लागंज के नयापुरवा में पांच हजार से ज्यादा की आबादी है। जुलाई में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव हुआ। दोबारा अब तक नहीं हुई। फॉगिंग इस सीजन में एक भी बार नहीं हुई। कई बार शिकायतें कीं, कहीं कोई सुनवाई नहीं है। – शिवानी रावत
-फैजुल्लागंज के नया पुरवा में एक भी बार फॉगिंग नहीं हुई है।एंटीलार्वा का भी दोबारा छिड़काव नहीं हुआ है। क्षेत्र में मच्छरों की भरमार है। लोगों में मलेरिया-डेंगू की दहशत बनी हुई है। -आशीष कुमार
नगर मलेरिया अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि शहर में डेंगू के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में पहले केस बेस्ड एक्टीविटी कराई जा रही है। जहां मरीज पाए जा रहे हैं। उस एरिया को पॉकेट मानकर मच्छररोधी कार्रवाई की जा रही है, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। ऐसे में इसे अधूरा छिड़काव न समझा जाए, शेष इलाके में भी टीम पहुंचेगी।