भाजपा सांसद बृजभूषण ने अपने बयान से फिर बटोरी सुर्खियां
स्वतंत्रदेश,लखनऊगोंडा जिले के कैसरगंज के बहुचर्चित सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में बने हैं। शुक्रवार को करनैलगंज विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के सम्मेलन में पहुंचे प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को खुले मंच से ‘यशस्वी मुख्यमंत्री’ संबोधित कर सबको चौंका दिया। जिस वक्त सांसद मंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे, एके शर्मा मंच पर ही मौजूद रहकर मुस्कुरा रहे थे। इससे पूर्व अपने संबोधन में ऊर्जा मंत्री ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह का गुणगान करते हुए उनके व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखने की बात कही।
शुक्रवार को करनैलगंज में भाजपा प्रत्याशी करणभूषण सिंह के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए एके शर्मा ने कहा कि आपके जिले के ही नहीं, आपके मंडल के ही नहीं, सिर्फ पूर्वांचल के ही नहीं अपितु पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ा स्थान रखने वाले इस क्षेत्र के सांसद बृजभूषण शरण सिंह का चार दशक से राजनीति में वर्चस्व कायम है। जिस तरह नरेंद्र मोदी पूरे देश को अपना परिवार मानते हैं, उसी तरह नेता जी इस क्षेत्र को अपना परिवार मानते हैं।शुक्रवार को करनैलगंज में भाजपा प्रत्याशी करणभूषण सिंह के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए एके शर्मा ने कहा कि आपके जिले के ही नहीं, आपके मंडल के ही नहीं, सिर्फ पूर्वांचल के ही नहीं अपितु पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ा स्थान रखने वाले इस क्षेत्र के सांसद बृजभूषण शरण सिंह का चार दशक से राजनीति में वर्चस्व कायम है। जिस तरह नरेंद्र मोदी पूरे देश को अपना परिवार मानते हैं, उसी तरह नेता जी इस क्षेत्र को अपना परिवार मानते हैं।
उन्हें वोट मांगने की जरूरत नहीं, उनको किसी से कहने की आवश्यकता नहीं है। सभी लोग स्वयं करण भूषण को जिताने के लिए लालायित हैं। मुझे ऐसा बताया गया कि चार लाख तो पक्का है, पांच लाख के अंतर से इस लोकसभा क्षेत्र को जीता जाए।
शर्मा के संबोधन के बाद माइक पकड़ते ही बृजभूषण ने कहा कि करणभूषण को आशीर्वाद देने आए उत्तर प्रदेश के ‘यशस्वी मुख्यमंत्री’ एके शर्मा का स्वागत व अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह जिंदगी एक रेल की पटरी तरह नहीं है। जिंदगी नदी की धारा की तरह है। रेल की पटरी एक निश्चित स्थान पर रहती है, लेकिन नदी अपनी धारा बदलती रहती है। इस अवसर पर विधायक अजय सिंह, बावन सिंह, जिपंअ घनश्याम मिश्र, रामजीलाल मोदनवाल, वासुदेव सिंह आदि रहे।