चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर बनाने का रास्ता साफ
स्वतंत्रदेश ,लखनऊखास बात ये है कि डिफेंस इंडस्ट्री जिस क्षेत्र में लग रही है, वहां पर्यावरण संबंधी नुकसान न के बराबर होगा क्योंकि आसपास संरक्षित वन नहीं हैं। बुंदेलखंड के इस इलाके में डिफेंस कॉरिडोर की अनुमति से कम से कम 5000 करोड़ की इंडस्ट्री और एक लाख लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा।खास बात ये है कि इस क्षेत्र के दस किलोमीटर इलाके में कोई वन्यजीव अभयारण्य नहीं है। कोई प्रदूषित क्षेत्र नहीं है। इस नोड में सभी तरह के कैलिबर वाले हथियार बनेंगे। डिफेंस नोड का 33 फीसदी इलाका ग्रीन बेल्ट होगा। पूरा क्षेत्र धूल और धुएं से मुक्त होगा। इसके अलावा वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, ऊर्जा संरक्षण, शोर नियंत्रण, वायु प्रदूषण नियंत्रण और जल प्रदूषण नियंत्रण के हाईटेक संसाधनों से डिफेंस कारीडोर लैस होगा।
यूपी को देश का सबसे बड़े डिफेंस उत्पाद निर्माण हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पर्यावरण मंत्रालय ने लंबी जांच के बाद चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की अनुमति दे दी है। कर्वी में खुटरिया गांव की जमीन पर करीब 60 हेक्टेयर में विकसित होने वाले डिफेंस कॉरिडोर में ड्रोन से लेकर हेलीकाॅप्टर तक और गोला बारूद से लेकर तोप तक बनेंगे।