उत्तर प्रदेशराज्य

देवरिया के झूमर से विदेश भी हो रहा रोशन

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ की राह पर बढ़ते उत्तर प्रदेश के कदम इस दिवाली चीनी उत्‍पादों को टक्‍कर देंगे। चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार के चलते यूपी में बनने वाले स्थानीय उत्‍पादों की मांग बाजार में काफी बढ़ गई है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ‘एक जिला एक उत्‍पाद’ (ओडीओपी) से यूपी के व्‍यपारियों के लिए एक ओर आर्थिक उन्‍नति की नई राहें खोल दी है तो वहीं प्रदेश के उत्‍पादों का लोहा देश ही नहीं विदेश में भी बोल रहा है। देवरिया जिले में तकरीबन 1500 लोगों के व्‍यापार को नई गति मिली है। इन उत्‍पादों को ओडीओपी के तहत राष्‍ट्रीय-अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर प्रस्‍तुत करने का मौका मिल रहा है।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ओडीओपी से यूपी के व्‍यपारियों के लिए एक ओर आर्थिक उन्‍नति की नई राहें खोल दी है तो वहीं प्रदेश के उत्‍पादों का लोहा देश ही नहीं विदेश में भी बोल रहा है। देवरिया जिले में तकरीबन 1500 लोगों के व्‍यापार को नई गति मिली है।

देवरिया जिले में ओडीओपी के तहत काम कर रहे हजारों लोगों में से सफलता की इबारत गढ़ने वाली पूजा शाही और विवेक सिंह हैं। वर्ष 2008 में महज अपनी मां और चाची के साथ हैंडिक्राफ्ट का छोटा सा काम शुरू करने वाली पूजा शाही आज पूजा शाही इंटरप्राइजेज से 400 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। ओडीओपी से जुड़ने के बाद आज पांच हजार महिलाएं उनकी टीम का हिस्‍सा हैं। वर्चुअल फेयर से लेकर ऑनलाइन प्‍लेटफार्म के जरिए उनके उत्‍पाद यूपी समेत देश और विदेश में भी धूम मचा रहे हैं।

2.5 करोड़ की हुई आमदनी : देवरिया की 150 यूनिट में 1500 कारीगर जुड़े हैं। पिछले साल एक करोड़ का टर्नओवर इस साल बढ़कर डेढ़ करोड़ हो गया है। देवरिया के उत्‍पाद बिहार, वेस्‍ट बंगाल, लखनऊ, वाराणसी, दिल्‍ली समेत सिंगापुर और यूएस में निर्यात होते हैं। ओडीओपी की शुरूवात से अब तक यहां के उत्‍पादों से 2.5 करोड़ की आमदनी हुई है।

देवरिया के झालर झूमर से विदेश भी हो रहा रोशन : देवरिया के विवेक सिंह ने बताया कि वीएस एनेर्जी इंटरप्राइजेज से डेकोरेटिव हैडिक्राफ्ट और बैंबू लाइट का व्‍यापार करता हूं। उन्‍होंने बताया कि हमारे द्वारा तैयार की गई लाइट, झूमर और झालर की मांग नाइजेरिया, अफ्गानिस्‍तान, दुबई समेत देश के अलग राज्‍यों में मांग बढ़ रही है। उन्‍होंने बताया कि मिशन शक्‍त‍ि और महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए इस योजना के तहत सीधे तौर पर 3000 महिलाओं को रोजगार दिया है। इसके साथ ही देवरिया और दूसरे राज्‍यों में ग्रो सेंटर बनाकर महिलाओ को एक ही छत के नीचे ट्रेनिंग दी जा रही है।

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