कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास कार्य को बेहद नियोजित तथा योजनाबद्ध तरीके से करने की है। इसी क्रम में उनका ड्रीम प्रोजेक्ट माने जा रहे काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने काफी गति पकड़ ली है।
पीएम मोदी ने कॉरिडोर परियोजना की नींव वर्ष 2009 में रखी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश सरकार के कार्यकाल में स्थानीय विरोध के चलते इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य की एक बार फिर शुरुआत योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनवरी 2018 से की है। अब इसका काम गति पकड़ चुका है और मंदिर के स्वरूप को काफी विस्तार दिया जा रहा है।
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पांच लाख वर्ग फीट के एरिया में सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्र में निर्माण होगा। कल्चरल सेंटर, वैदिक केंद्र, टूरिस्ट फेसिलिटेशन सेंटर, सिटी म्यूजियम, जप-तप भवन, भोगशाला, मोक्ष भवन और दर्शनार्थी सुविधा केंद्र अधिकतम दो मंजिला ही होंगे। इन सभी की ऊंचाई विश्वनाथ मंदिर के शिखर से ऊपर नहीं होगी। यहां पर तो सुरक्षा व्यवस्था एयरपोर्ट जैसी होगी।
काशी विश्वनाथ धाम में मिले मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण की पहल की जा रही है। संरक्षण के कार्य में काशी हिंदू विश्वविद्यालय और संस्कृति मंत्रालय की टीम को जिम्मेदारी दी गई है। बाबा दरबार परिसर से ललिता एवं मणिकर्णिका घाट तक बनने वाला काशी विश्वनाथ धाम वास्तविक रूप से धर्म नगरी का अहसास कराएगा। वहीं दूसरी तरफ यहां आनंद कानन और रुद्र वन की परिकल्पना साकार होगी। रुद्र वन में रुद्राक्ष के 350 से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे।