उत्तर प्रदेशलखनऊ

चार महीने बाद भी नहीं मिल सका न्याय

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :चिनहट स्थित रामस्वरूप कैमिकल फैक्ट्री में विस्फोट के दौरान फतेहपुर निवासी कर्मचारी स्वरूप सिंह (35) की मौत के मामले में एफआइआर दर्ज है, लेकिन घटना के चार महीने बाद भी पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल सका है। संबंधित केस के विवेचना अधिकारी (आईओ) बीबीडी चौकी प्रभारी प्रियंबग मिश्रा नियुक्त हुए थे, लेकिन उन्होंने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। इस मामले में मृतका की पत्नी कांति पाल की ओर से आरोपितों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। सिथिल विवेचना से फैक्ट्री मालिक विशाल अग्रवाल और मैनेजर वीके सिंह के खिलाफ एफआइआर के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विवेचना के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होनी है, लेकिन जब ऐसे लापरवाही से विवेचना होगी तो क्या कार्रवाई संभव है?

सिथिल विवेचना से फैक्ट्री मालिक विशाल अग्रवाल और मैनेजर वीके सिंह के खिलाफ एफआइआर के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

चिनहट के रिहायशी इलाके में स्थित रामस्वरूप कैमिकल फैक्ट्री में चार महीने पहले अचानक ब्लास्ट हो गया। घटना में फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर स्वरूप सिंह की मौत हो गई, जबकि दो महिलाओं समेत पांच लोग घायल हो गए थे। घायलों को एम्बुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना पर मौके पर दर्जनभर दमकल और आधादर्जन एम्बुलेंस राहत और बचाव कार्य में देर रात तक जुटी रहीं। कीटनाशक दवाएं बनाने वाली फैक्ट्री में रात में अचानक धमाका हुआ, जिससे आसपास का पूरा इलाका हिल गया। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की सीमेंट की छत उड़ गई। टुकड़े दूर तक जा गिरे। पड़ोस में रहने वाली दो महिलाएं चपेट में आकर घायल हो गईं। जबकि स्वरूप सिंह की मौत हो गई।

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