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इलाहाबाद हाईकोर्ट से JP एसोसिएट्स को झटका

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स (जेपी) को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का बकाया चुकाने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे विकास क्षेत्र में विशेष विकास क्षेत्र परियोजना के तहत पहले से आवंटित एक हजार हेक्टेयर भूमि के कुछ हिस्से को बेचने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आवंटन पहले ही रद्द हो चुका है इसलिए वह ऐसी बिक्री की अनुमति नहीं दे सकता। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और सौमित्र दयाल सिंह की खंड पीठ ने मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स की याचिका को खारिज करते हुए दिया।

न्यायालय के समक्ष मामला था कि क्या YEIDA को आवंटन रद्द करने का अधिकार है कि नहीं। कोर्ट ने मामले में पहले सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया था। कोर्ट ने कहा कि वह विवाद संपत्ति के किसी भी हिस्से को बेचने की अनुमति देने के लिए कोई अंतरिम राहत नहीं दे सकती। ऐसा करना आवंटन को रद्द करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर दोनों पक्ष आपस में समझौता कर लेते तो स्थिति अलग होती। मामले में जेपी ने आवंटित भूमि पर पट्टे के किराए और ब्याज के भुगतान में चूक की। इसीलिए 2019 में YEIDA द्वारा एक हजार हेक्टेयर के लिए पट्टा विलेख रद्द कर दिया गया। 

सुझाव दिया गया कि याचिका लंबित रहने के दौरान 150 हेक्टेयर भूमि जेपी को बेचने के लिए वापस दे दी जाए और ऐसी बिक्री से प्राप्त धन को YEIDA को हस्तांतरित कर दिया जाए। शेष राशि न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय आने तक सुरक्षित रखा जाए। याची को ऋण प्रदान करने वाले बैंकों के संघ ने निस्तारण प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी। याची के वकील ने आरोप लगाया कि YEIDA किसानों को भुगतान किए जाने वाले अतिरिक्त मुआवजे पर अतिरिक्त ब्याज वसूलने की कोशिश कर रहा है। उसने किसानों को कोई ब्याज नहीं दिया था।जवाब में YEIDA के अधिवक्ता ने कहा कि आज तक किसानों को अतिरिक्त मुआवजे पर कोई ब्याज नहीं दिया गया है। भविष्य में ऐसा हो सकता है। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। याची की ओर से प्रस्तावित समझौते को YEIDA की ओर से स्वीकार नहीं किया गया। इसके बदले में 10 प्रतिशत ब्याज की मांग की गई। न्यायालय ने कहा कि मामले में तीन वर्ष से यथास्थिति का आदेश पारित है। अब और इस मामले में अंतरिम राहत दी जाने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि याची को YEIDA से बातचीत करने की अनुमति दी थी, जिससे कि मामले का सहमति से निस्तारण हो सके।

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