उत्तर प्रदेशराज्य

इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच से गायत्री प्रजापति को बड़ा झटका

स्वतंत्रदेश , लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग केस को खारिज करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूर्व मंत्री ने अपनी आय से अधिक दो करोड़ 98 लाख रुपये की संपत्तियां खरीदीं और अपने एकाउंट के पैसों का हिसाब नहीं दे सके।

ऐसे में यह कहना कि उनके खिलाफ प्रथमदृष्टया केस नहीं बनता है, तथ्य से परे है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने प्रजापति की ओर से दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। याची ने मनीलांड्रिंग अधिनियम के तहत चल रही कार्यवाही को चुनौती दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ कोई केस नहीं बनता है।

कोर्ट ने कहा कि सतर्कता निदेशालय ने याची के खिलाफ विशेष अदालत में मनी लांड्रिंग का केस प्रथमदृष्टया सबूत हासिल करने के बाद ही दाखिल किया। अतः विशेष अदालत ने आरोप तय करने में कोई गलती नहीं की। कोर्ट ने कहा कि गायत्री प्रजापति 2012 से 2017 तक मंत्री पद पर आसीन थे और इस बीच उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके कई करोड़ रुपये कमाये जो उनके खुद के बैंक अकाउंट में जमा कराए गए।उनके परिवार व कर्मचारियों के खातों में भी रुपये जमा किए गए। उन कंपनियों में धनराशि लगाई गई जिनमें गायत्री के बेटे डायरेक्टर थे। विवेचना में आया है कि मंत्री रहने के दौरान गायत्री की संपत्ति बढ़ी। ऐसे में उन्हें उन्हें विचारण का सामना करना होगा। उल्लेखनीय है कि ईडी ने गायत्री की 35 करोड़ की संपत्ति अटैच की है जिसका बाजार मूल्य 100 करोड़ से ज्यादा है। उनके खिलाफ अवैध खनन जैसे कई मामलों की जांच चल रही है।

Related Articles

Back to top button