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आदिपुरुष फिल्म विवाद में मनोज मुंतशिर हाईकोर्ट में तलब

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:आदिपुरुष’ फिल्म विवाद मामले में तीन दिन लगातार सुनवाई के बाद लखनऊ हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट ने फिल्म के निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। इसी के साथ केंद्र सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्रालय को 7 दिन के अंदर 5 सदस्यीय कमेटी बनाकर फिल्म से संबंधित सभी शिकायतों को सुनकर 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है।

कोर्ट ने 27 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। लोगों का कहना है कि फिल्म में श्रीराम कथा को पूरी तरह से बदल दिया गया है। धर्म का मजाक बनाया गया है।

दो सदस्य रामचरित मानस और अन्य धार्मिक महाकाव्यों के विद्वान हो

कमेटी में दो सदस्य रामचरित मानस और अन्य धार्मिक महाकाव्यों के विद्वान शामिल हो। इससे पता लगाया जा सके कि भगवान राम, सीता , हनुमान और रावण की कहानी को ग्रंथों के अनुसार दिखाया गया है या नहीं।

कोर्ट का आदेश- खुद उपस्थित होकर निर्माता, निर्देशक दे स्पष्टीकरण

यही नहीं हाईकोर्ट की तरफ से सख्त टिप्पणी करते कहा कि कमेटी यह भी देखे कि फिल्म में देवी सीता व विभीषण की पत्नी को अश्लील चरित्र में तो नहीं दिखाया गया है। सेन्सर बोर्ड के दिशा निर्देशों के तहत हैं या नहीं।वहीं, कोर्ट ने कहा कि फिल्म के निर्माता, निर्देशक और मनोज मुंतशिर 27 जुलाई को खुद उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दें। फिलहाल कोर्ट की तरफ से सेंसर बोर्ड और ब्रॉडकास्ट मंत्री के सचिव का हलफनामा भी दाखिल करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने 27 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। लोगों का कहना है कि फिल्म में श्रीराम कथा को पूरी तरह से बदल दिया गया है। धर्म का मजाक बनाया गया है।

कोर्ट ने 27 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। लोगों का कहना है कि फिल्म में श्रीराम कथा को पूरी तरह से बदल दिया गया है। धर्म का मजाक बनाया गया है।

कोर्ट ने कहा याचिका के साथ दाखिल किए गए दृश्यों में विभीषण की पत्नी के कुछ चित्र अश्लील लगते हैं। कोर्ट ने कहा यह कमेटी 7 दिन में बनाई जाए। इसके बाद केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव निजी हलफनामे के साथ 15 दिन में समिति की रिपोर्ट 27 जुलाई तक कोर्ट में पेश करें।

‘हलफनामा दाखिल करने का दिया आदेश’

न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में दाखिल दो याचिकाओं पर दिया। याचिकाओं में इस फिल्म पर वैन लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचियों की ओर से वकील रंजना अग्निहोत्री व प्रिंस लेनिन ने फिल्म में दिखाए गए सीन के फोटोज को आपत्तिजनक कहकर पेश किया।

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