उत्तर प्रदेशराज्य

अमेठी और रायबरेली से कौन होगा कांग्रेस का उम्मीदवार?

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:यूपी की अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की पारंपरिक सीटें मानी जाती हैं। चुनावी राजनीति से जुड़े हुए गांधी परिवार के करीब-करीब हर शख्स का इन सीटों से नाता रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल की अमेठी से हार और 2020 के बाद सोनिया गांधी की रायबरेली सीट में कम सक्रियता से इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या 2024 के चुनावों में अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का रिश्ता खत्म हो जाएगा। इस तरह के कयासों के पीछे लोगों के अपने आधार हैं। मानहानि के मामले में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित करार दिए गए राहुल गांधी को हाईकोर्ट या सु्प्रीम कोर्ट से अभी किसी तरह की राहत नहीं मिली है। यदि वह चुनावी राजनीति में अयोग्य ही बने रहते हैं तो वह वायनाड के साथ-साथ अमेठी से भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। यदि वह चुनाव लड़ने के योग्य पाए भी गए तो क्या राहुल हारी हुई सीट अमेठी से फिर से लड़ना चाहेंगे? क्या अमेठी उनके लिए वैसी ही ‘शेफ’ सीट बची है जैसी कभी उनके या गांधी परिवार के लिए हुआ करती थी?  

रायबरेली में प्रत्याशी बदलने को लेकर चल रहे कयासों की वजह सोनिया गांधी का स्वास्थ्य है। स्वास्थ्य की वजहों से उनकी राजनीतिक सक्रियता दिन प्रति दिन कम पड़ती जा रही है। वह बीते चार वर्षों में रायबरेली गिने-चुने बार ही आई हैं। इसलिए लोग और राजनीतिक विरोधी यह अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार संभवतः सोनिया चुनाव राजनीति से किनारा कर लें। कांग्रेस की प्रदेश ईकाई ने अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों को लेकर लग रही अटकलों को तोड़ने का प्रयास किया।

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