उत्तर प्रदेशराज्य

लापरवाही के आरोप में निलंबित IPS

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : कानपुर के संजीत अपहरण व हत्याकांड में लापरवाही के मामले में निलंबित तत्कालीन एएसपी अपर्णा गुप्ता को उत्तर प्रदेश सरकार ने बहाल कर दिया है। वह 2015 बैच की आइपीएस अधिकारी हैं। संजीत हत्याकांड में शासन ने 24 जुलाई, 2020 को कानपुर में तैनात एएसपी अपर्णा गुप्ता व तत्कालीन सीओ गोविंदनगर मनोज गुप्ता समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था। शासन ने इस मामले में 25 जुलाई को कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी. को भी हटा दिया था। शासन ने संजीत हत्याकांड में पुलिस कार्रवाई में लापरवाही के चलते कार्रवाई की थी।

कानपुर के संजीत अपहरण व हत्याकांड में लापरवाही के मामले में निलंबित तत्कालीन एएसपी अपर्णा गुप्ता को उत्तर प्रदेश सरकार ने बहाल कर दिया है।

बता दें कि कानुपर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण और फिर हत्या कर लाश नहर में फेंक देने के मामले में पुलिस की नाकामी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त नाराजगी जताई थी। उन्होंने लखनऊ में खुद आला अधिकारियों को तलब कर पूरे मामले की समीक्षा की थी। इसके बाद कानपुर की एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता व तत्कालीन सीओ मनोज गुप्ता सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित होने वालों में मुख्य रूप से बर्रा थाने के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर रणजीत राय, चौकी इंचार्ज राजेश कुमार और सब इंस्पेक्टर योगेन्द्र प्रताप सिंह के अलावा कांस्टेबल अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडेय, मनीष व शिव प्रताप शामिल थे। सभी पर आरोप लगे थे कि इन्होंने अपहरण के बाद सख्ती से कार्रवाई नहीं की, न ही इलेक्ट्रानिक सर्विलांस कर अभियुक्तों का सटीक सुराग लगाया।

बता दें कि कानुपर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव केस में कानपुर पुलिस ने राजफाश किया था कि संजीत यादव की उसके दो दोस्तों ने ही फिरौती के लिए उसका अपहरण कर हत्या कर दी थी। बर्रा-5 निवासी चमन सिंह यादव के बेटे संजीत का अपहरण 22 जून को उसके दो दोस्तों समेत पांच लोगों ने अस्पताल से निकलने के बाद कर लिया था। उसे संजीत के घर से महज एक किलोमीटर दूर रतनलाल नगर स्थित एक घर में बंधक रखा गया था। भागने की कोशिश में अपहर्ताओं ने संजीत को 27 जून की भोर में ही रस्सी से गला घोंटकर मार डाला था। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे एक प्लास्टिक की बोरी में भरा और ले जाकर पांडु नदी में फेंक दिया। बेखौफ अपहर्ताओं ने हत्या के दो दिन बाद 29 जून को परिवार को फोन कर 30 लाख की फिरौती मांगी। पुलिस ने अपहरण में शामिल एक महिला समेत पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।

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