राख हुए बेटी की शादी के सपने
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : काम पर से रात 12 बजे घर लौटे थे…खाना खाकर सोने गए ही थे कि करीब 12:30 बजे एकाएक आग की लपटें देख भागे। पलक झपकते ही सब कुछ जलकर राख हो गया। कोई बच्चे गोद में लेकर भागा तो कोई गृहस्थी हाथ में उठाकर। वहीं, किसी की आंखों के सामने बेटी की शादी के सपने खाक हो गए। यह आपबीती है, ऐशबाग स्थित धोबी घाट की झुग्गी बस्ती में रहने वालों की। देर रात लगी आग से देखते ही देखते 100 से अधिक झोपड़ियां राख हो गईं। सीएफओ विजय कुमार सिंह के मुताबिक, घंटे भर के अंदर आग पर काबू पा लिया गया। देर रात तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी।

कोई बच्चे गोद में लेकर भागा तो कोई गृहस्थी हाथ में उठाकर
झुग्गी बस्ती में रहने वाली गुड्डी की तीन मड़ैया है। एक में बेटा रेहान, दूसरे में बेटी चांदनी और एक मे खुद गुड्डी रहती थीं। तीनों जल गई। रेहान ने बताया कि 12 बजे लौटे थे। खाना खाकर लेते थे। करीब 12:30 बजे एकाएक आग की लपटें भागे। सब कुछ जल गया। चार हजार रुपए भतीजे के वेतन थे, जो जलकर राख में बदल गए। कोई बच्चे गोद में लेकर भागा तो कोई गृहस्थी हाथ में उठाकर भागते हुए दिखाई दे रहा था।
झोपड़ी में लगी आग पर काबू पाने के बाद एक परिवार की आंखों में अपनी बेटी की शादी के सपने को राख में देखकर आंसू छलक आए। बेटी की शादी के दहेज के लिए बक्से में रखा सामान खाक हो चुका था। वहीं, सुनील और पुत्तन अपने आशियाने की जली हुई गृहस्थी उठा रहे थे।
ऐशबाग ईदगाह के पास स्थित झुग्गी बस्ती में रविवार देर रात एकाएक आग लग गई। सूचना पर बाजार खाला पुलिस, चौक, हजरतगंज, आलमबाग समेत कई अन्य फायर स्टेशनों से गाड़ियां बुलाई गईं। सीएफओ विजय कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी पहुंचे।