स्वतंत्रदेश,लखनऊ: भाजपा ने सात अक्टूबर, बुधवार देर शाम पहले चरण (first phase) के लिए बक्सर सहित दो और सीटों पर प्रत्याशियों (candidates) की घोषणा कर दी। इसके साथ ही बक्सर सीट से पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे्यका चुनाव लड़ने का सपना टूट गया। उन्होंने जदयू के टिकट पर बक्सर से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी की थी। सीटों के बंटवारे में बक्सर सीट भाजपा के कोटे में चले जाने से गुप्तेश्वर पांडे्य बेटिकट हो गए।

चुनाव लड़ने के लिए डीजीपी का पद छोड़ा
कुछ ही दिनाें पहले उन्होंने बिहार के डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary retirement) लेकर जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति के बाद से ही बक्सर से उनकी उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही थी। हालांकि टिकट कटने के बाद भी उन्होंने सीएम नीतीश कुमार में विश्वास व्यक्त किया है। कहा है कि वे पार्टी के समर्पित सिपाही बने रहेंगे। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput case) की मौत मामले में मुंबई जाकर बिहार पुलिस की जांच मामले से पूर्व डीजीपी नेशनल मीडिया की सुर्खियों में आए थे। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच में असहयोग के बाद पूर्व डीजीपी ने ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सुशांत सिंह की मौत की जांच को सीबीआइ से कराने का आग्रह किया था।
गुप्तेश्वर पांडे्य के कार्यालय में पसरा सन्नाटा
बक्सर सीट पर डीजीपी पद से वीआरएस लेकर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे गुप्तेश्वर पांडेय को करारा झटका लगा है। पिछले कई दिनों से आंबेडकर चौक स्थित एक मैरेज हॉल में खुले पूर्व डीजीपी और जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यालय में अचानक सन्नाटा पसर गया।
अंत समय में हुआ फैसला
बक्सर विधानसभा से कभी पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय तो कभी भाजपा के नेताओं के नाम उछलते रहे। अंत में दो नामों पर चर्चा आकर टिक गई, पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और भाजपा के परशुराम चतुर्वेदी पर। शाम तक यह निर्णय नहीं हो पाया था कि किसको टिकट मिल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पहले ही बक्सर की सीट को भाजपा का परंपरागत सीट बताया था। वह भाजपा को सींचने वाले किसी कार्यकर्ता को ही टिकट देने के पक्षधर थे।