पुलिस वालों ने पीटा, मोबाइल भी छिन लिए
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की दलित युवती के साथ हैवानियत की सारी हदें पार की गई। 15 दिनों तक वह अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ती रही, लेकिन सोमवार सुबह वह सिस्टम से हार गई। पीड़ित के साथ जुल्म की इंतेहा तब हो गई जब उसके शव को बिना किसी रीति रिवाज के जबरन पेट्रोल डालकर जला दिया गया। बीते तीन दिनों से गांव छावनी बना हुआ है। पीड़ित के घर, गली व छतों पर पुलिस के जवान नाकाबंदी कर बैठे हैं। डीएम के आदेश पर परिवार के मोबाइल फोन छीन लिए गए हैं। मीडिया वालों से बात न करने के लिए डराया-धमकाया जा रहा है। शुक्रवार को पीड़ित का सबसे छोटा भाई खेतों से छिप-छिपाकर मीडिया वालों तक पहुंच गया। उसने प्रशासन के जुल्मों की दास्तान बयान किया है।
हाथरस जिला प्रशासन ने गांव और जिले में धारा 144 लागू कर दी है। पीड़ित का भाई घास काटने का बहाना बनाकर घर से बाहर आया और खेतों में छिपकर गांव से डेढ़ किमी दूर जमा मीडिया वालों से आकर मुलाकात की। नाबालिग ने खुलासा किया कि उनके परिवार वालों के सभी मोबाइल स्विच-ऑफ करा दिया गया है।
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भाई ने कहा कि पुलिस वालों ने फोन ले लिया है। मेरा परिवार मीडिया से बात करना चाहता है। मैं पुलिस वालों को चकमा देकर यहां तक पहुंचा हूं। पुलिस वालों ने मेरे ताऊ को मारा पीटा है। वे भी मीडिया वालों से मुलाकात करने के लिए आना चाहते थे। पुलिस वाले हमें बाहर नहीं आने दे रहे हैं और न ही मीडिया को अंदर आने दे रहे हैं। वे हमें धमकी दे रहे हैं। तभी एक पुलिस वाले की नजर बच्चे पर पड़ी, उसने धमकाकर भगा दिया