शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग-अयोध्या
स्वतंत्रदेश,लखनऊ। उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोरों से चल रहा है। देश ही नहीं दुनियाभर के रामभक्तों की निगाहें अयोध्या पर टिकी हुई हैं कि कब राम मंदिर बनकर तैयार होगा। इस बीच मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का मामला कोर्ट में पहुंच गया है। जन्मभूमि परिसर को लेकर मथुरा की कोर्ट में एक सिविल मुकदमा दायर किया गया है जिसमें 13.37 एकड़ पर दावा करते हुए स्वामित्व मांगा गया है और शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई है।

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की सखा रंजना अग्निहोत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने याचिका दायर की है। याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया। यह केस भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया है।
‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ और ‘स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि’ के नाम से दाखिल की गई है। याचिका में बताया गया है कि जिस जगह पर शाही मस्जिद ईदगाह खड़ी है, वही जगह असल कारागार है जिसमें भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। मुकदमा दायर करने के बाद वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह मुकदमा अतिक्रमण हटाने और शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई है।”
हालांकि इस केस में Place of worship Act 1991 की रुकावट है। इस ऐक्ट के मुताबिक, आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय का था, उसी का रहेगा। इस ऐक्ट के तहत सिर्फ रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छूट दी गई थी।