सरकारी गाड़ी के प्रवेश पर भड़के अखिलेश
स्वतंत्रदेश लखनऊ:उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पांच चरणों का मतदान हो चुका है। छठवें चरण में तीन मार्च और सातवें चरण में सात मार्च को मतदान होना है। एक से पांच चरणों में जिन जिलों में मतदान हो चुका है वहां ईवीएम को वोटों की गिनती वाले दिन तक कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। ईवीएम की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पैरामिलिट्री व पुलिस के जवान पहरेदारी में लगे हुए है। इसके साथ ही स्ट्रांग रूम के बाहर सभी दिशाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लखनऊ में सभी के लिए प्रतिबंधित ईवीएम स्ट्रांग रूम में एक सरकारी अधिकारी के घुसने का प्रयास बेहद गंभीर मामला है। सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील है कि वो सभी जगह ईवीएम स्ट्रांग रूम की निगरानी बढ़ा दें।
अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए ईवीएम की सुरक्षा को लेकर समाजवादी कार्यकर्ताओं से अपली की है। अखिलेश ने ताले, हथौड़ी और छेनी की एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘लखनऊ में सभी के लिए प्रतिबंधित ईवीएम स्ट्रांग रूम में एक सरकारी अधिकारी के घुसने का प्रयास बेहद गंभीर मामला है। सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील है कि वो सभी जगह ईवीएम स्ट्रांग रूम की निगरानी बढ़ा दें। जब तक गिनवाई नहीं-तब तक ढिलाई नहीं!’
बता दें कि सोमवार को लखनऊ के रमा बाई अम्बेडकर स्थल पर स्ट्रांग रूम के पास सरकारी वाहन पहुंचने पर हंगामा कर दिया था। रमा बाई अम्बेडकर स्थल पर ईवीएम स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहन ले जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। साथ ही आरोप लगाया था कि सरकारी वाहन में ताले, हथौड़ी और छेनी मिली है। पूर्व मंत्री व सपा के लखनऊ मध्य क्षेत्र के प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा ने इसे साजिश बताया था।सपा कार्यकर्ता मतदान के बाद से ही लखनऊ के रमा बाई अम्बेडकर स्थल की निगरानी करने में जुटे हैं। प्रतिदिन एक विधानसभा को निगरानी करने का जिम्मा दिया जाता है। सोमवार को लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को निगरानी में लगाया गया था। रविदास मेहरोत्रा और जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत सहित कई कार्यकर्ता उस समय भड़क गए जब एक अधिकारी सरकारी वाहन से वहां पहुंच गया था। कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये प्रतिबंधित क्षेत्र है जहां अधिकारी वाहन सहित पहुंच गए। इसे लेकर अधिकारी और कार्यकर्ताओं के बीच नोंकझोंक भी हुई थी।