उत्तर प्रदेशराज्य

बड़ी रैलियों के बिना हो सकते हैं विधानसभा चुनाव

 स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव इस बार बिना बड़ी रैलियों के हो सकते हैं। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग रैलियों में लोगों की संख्या और कोरोना उचित व्यवहार के कड़ाई से पालन का निर्देश जारी कर सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनाव आयोग को स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में कई गुना ज्यादा संक्रामक है और ऐसे में चुनाव के दौरान भी मंगलवार को जारी किये गए गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करना जरूरी है।उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को तलब कर चुनाव प्रचार के प्रोटोकाल में बदलाव की जरूरत के बारे में जानकारी मांगी थी। जहां स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कोरोना प्रोटोकाल की पूरी जानकारी दे दी है। जिनमें मास्क, हाइजिन और सोशल डिस्टें¨सग का कड़ाई से पालन जरूरी बताया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को यह भी बता दिया था कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कई गुना ज्यादा संक्रामक है। ऐसे में कोरोना प्रोटोकाल में जरा भी चूक भारी पड़ सकती है।

उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव इस बार बिना बड़ी रैलियों के हो सकते हैं। 

चुनाव आयोग के साथ बैठक में शामिल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रचार का प्रोटोकाल तय करना आयोग का काम है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इसमें कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक के बाद पूरी दुनिया में ओमिक्रोन वैरिएंट का प्रकोप कई गुना बढ़ गया है और भारत में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय को राज्यों को नाइट कफ्र्यू और कंट्रोल रूम सक्रिय करने पर विचार करने को कह दिया गया है।

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