मीडिया किसी समुदाय को निशाना न बनाए : सुप्रीम कोर्ट
सुदर्शन न्यूज़ के कथित भड़काऊ शो, “बिंदास बोल“ पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि “जब हम मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, तो इस संदेश को मीडिया में जाने दें कि किसी भी समुदाय को निशाना नहीं बनना चाहिए। हम एक अदालत के रूप में जानते हैं कि आपातकाल के दौरान क्या हुआ था।इसलिए हम स्वतंत्र भाषण और विचार सुनिश्चित करेंगे।उन्होंने कहा, ‘हम सेंसरशिप नहीं करना चाहते। हम सेंसर बोर्ड नहीं हैं।हम चाहते हैं कि चैनल हमारे पास आए और हमें बताए कि वह हमारी आशंकाओं को कैसे स्वीकार करना चाहता है।
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अपने शो ‘बिंदास बोल’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद सुदर्शन न्यूज ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में इस सप्ताह के अंत तक हलफनामा दाखिल करेगा।
सुदर्शन न्यूज ने इस शो में ‘सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की घुसपैठ की साजिश के बड़े पर्दाफ़ाश का दावा किया है।’
चैनल के प्रमुख सुरेश चव्हाणके ने केंद्रीय लोक सेवा आयोग UPSC के लिए “UPSC जिहाद” शब्द गढ़ा था।
यूपीएससी शीर्ष स्तर के ब्यूरोक्रेसी जॉब्सके लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयेाजित करता है।
मामले की सुनवाई सोमवार को दो बजे होगी। फिलहाल बाकी 6 एपिसोड पर रोक जारी रहेगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक अलग हलफनामे में सुदर्शन न्यूज़ ने कहा था कि उसकी किसी समुदाय और व्यक्ति को लेकर कोई दुर्भावना नहीं और और कार्यक्रम राष्ट्रीय हित को मामले से संबंधित है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चैनल से अपनी स्थिति साफ तौर पर स्पष्ट करने को कहा है।
जस्टिस केएल जोसेफ ने कहा, मुसलमानों के अलावा जैन भी हैं।
मेरे लॉ क्लर्क ने जैन संगठनों द्वारा फंड किए कोर्स को किया। ईसाई संगठन अपने उम्मीदवारों को फंड देते हैं।
हर कोई शक्ति केंद्र का हिस्सा बनना चाहता है।
सभी समुदाय पावर सेंटर केक के टुकड़े का हिस्सा चाहते हैं, लेकिन आप एक पूरे समुदाय को बदनाम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को भी भड़काऊ कंटेट पर रोक लगाने के मामले में दंतहीन होने के लिए आड़े हाथ लिया था।
एनबीए ने कहा था, वह केवल अपने सदस्यों के लिए काम करता है और सुदर्शन न्यूज उसका सदस्य नहीं है