उत्तर प्रदेशराज्य

शरद पवार से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने….

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को मुंबई में राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने पवार से मिलने के बाद कहा कि अब यूपीए जैसा कुछ नहीं रहा। पवार और ममता की मुलाकात के राजनीतिक हलकों में कई मायने हैं। कांग्रेस से बढ़ती दूरी और एनसीपी प्रमुख से मुलाकात ने राजनीतिक पारा भी चढ़ा दिया है। ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब अगले वर्ष पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

शरद पवार से मलीं ममता बनर्जी ।
राजनीतिक हलकों में कांग्रेस और टीएमसी के बीच लगातार बढ़ती दूरी का शोर है। 

ममता ने यह भी कहा कि मैं महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाक़ात करने के लिए आईं थीं। आज देश में जैसा फासीवाद चल रहा है, इसके ख़िलाफ़ देश में एक मज़बूत वैकल्पिक फोर्स बनाना चाहिए। इसलिए मैं शरद पवार के पास राजनीतिक चर्चा करने के लिए आईं हुईं हूं। वहीं, पवार ने कहा कि हमारी ममता बनर्जी के साथ बातचीत हुई। आज की स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए और सामूहिक नेतृत्व के लिए एक मजबूत विकल्प तैयार करना चाहिए। हम 2024 के आम चुनाव के बारे में भी सोच रहे हैं।

ममता बनर्जी तीन दिवसीय महाराष्‍ट्र के दौरे पर गई हुई हैं। इस दौरान उन्‍होंने मंगलवार को महाराष्‍ट्र के सीएम और शिव सेना के नेता आदित्‍य ठाकरे और संजय राऊत से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद आदित्‍य ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि हम उनका मुंबई में स्‍वागत करते हैं। हमारी इससे पहले मुलाकात करीब 2-3 वर्ष पहले हुई थी जब वो महाराष्‍ट्र आई थीं। हम इस दोस्‍ती को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्‍होंने ये भी बताया कि इस मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई।

टीएमसी में लगातार दूसरी पार्टियों से आने वालों का सिलसिला जारी है। इसमें सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ रहा है। असम और मेघालय में भी कांग्रेस के कई नेताओं ने टीएमसी का दामन थामा है। इतना ही नहीं, ममता ने कुछ समय पहले दिल्‍ली आगमन पर कहा जा रहा था कि वो कांग्रेस की कार्यकारी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी। हालांकि, ये मुलाकात नहीं हुई। इसके बाद से ही राजनीतिक हलकों में दोनों पार्टियों के बीच दूरी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आई हैं। दोनों के बीच बढ़ती दूरी शीतकालीन सत्र के दौरान भी साफतौर पर दिखाई दे रही है। 

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