उत्तर प्रदेशराज्य

दफ्तरों में काम ठप

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:पुरानी पेंशन को लेकर मंगलवार को हजारों कर्मचारी लखनऊ के ईको गार्डन में धरना देने पहुंचे हैं। कर्मचारी-शिक्षक समेत अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी ये आंदोलन कर रहे हैं।

नेताओं का कहना है कि हमारी मांग नहीं मानी गई तो इसका नुकसान 2022 के विधानसभा चुनाव में होगा।
नेताओं का कहना है कि हमारी मांग नहीं मानी गई तो इसका नुकसान 2022 के विधानसभा चुनाव में होगा।

कर्मचारियों को संबोधित करते हुए चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि सरकार अगर किसान बिल समाप्त कर सकती है तो एक गलती और सुधार ले। धारा 370 , किसान बिल समेत कई गलतियां केंद्र सरकार सुधार चुकी है। ऐसे में नई पेंशन व्यवस्था को भी अब खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम यह देख चुके हैं कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों के लिए किसी भी तरह से लाभकारी नहीं है।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि सरकार ने हमसे धोखा किया है। उन्होंने कहा कि अब हम आर-पार की लड़ाई शुरू कर दिए है। यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो चुनाव में इसका असर देखने मिलेगा

200 से ज्यादा कर्मचारी संगठन
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर यूपी के 200 से ज्यादा कर्मचारी संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। लखनऊ के इको गार्डन में मौजूदा समय एक लाख से ज्यादा कर्मचारी एकत्र हो चुके हैं। इसमें लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, बनारस, चंदोली, मिर्जापुर, सोनभद्र, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, बस्ती, आगरा, बरेली, मथुरा समेत कई जिलों के कर्मचारी और अध्यापक मौजूद हैं।

कर्मचारी का हक मारा जा रहा
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अभी तक जो भी मिला है, संघर्षों से मिला है। कर्मचारियों से कहा कि आप ने यहां आकर सरकार पर दवाब बनाने का काम किया है। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि नई पेंशन जुआ है। इसको किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। कर्मचारी का हक मारा जा रहा है। नई पेंशन में 800 से 12000 रुपए तक पेंशन मिलना है। जबकि पुरानी में पेंशन ज्यादा है। महंगाई के दौर में पैसा बढ़ना चाहिए तो सरकार हमारे अधिकार को कम कर रही है।

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