कानूनों का वापस लेने का निर्णय किसानों के सम्मान में-योगी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के सम्मान में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय किया है।गुरु पर्व पर प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत के रूप में संवाद की भाषा का इस्तेमाल करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर जो ऐतिहासिक कार्य किया है, उसका मैं उप्र शासन की ओर से ह्रïदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि तीन कृषि कानूनों को लेकर कतिपय किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे। यद्यपि एक बड़ा समुदाय शुरू से ही इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के कानून महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके बावजूद जब कतिपय किसान संगठन इसके विरोध में आये थे, सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने का प्रयास किया। यह हो सकता है हमारे स्तर पर कोई कमी रह गई हो। हम अपनी बात को उन लोगों को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे जिसके कारण उन्हें आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ना पड़ा था।कृषि कानून के बारे में यदि कहीं से भी कोई आवाज निकली है तो लोकतंत्र की इस आवाज को अनसुना नहीं किया जा सकता है। आपसी समन्वय, बातचीत व संवाद के माध्यम से समस्या का समाधान किया जाएगा। यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। लोकतंत्र में संवाद अत्यन्त आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी को लेकर भी एक समिति के गठन का हम प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत करते हैं।